Total Users- 644,874

spot_img

Total Users- 644,874

Sunday, February 23, 2025
spot_img

वो ख्वाबों के दिन (भाग – 24)

वो ख्वाबों के दिन 

( पिछले 23 अंकों में आपने पढ़ा :  उस बंगले की पहली मंज़िल की खिड़की पर अचानक दीदार देने वाली उस नाज़ुक व बेहद खूबसूरत युवती के पीछे महीनों मेहनत करने के बाद , इशारों इशारों में उसके जवाब और आगे मस्ती से भरी फोन पर शुरू हो चुकी बातचीत ने एक खूबसूरत आकार लेना शुरू कर दिया था . प्यार की पहली मुलाकात पर शर्त के कारण मिले,  दिल को सुकून और दर्द को उकेरते हुए , पहले प्रेम पत्र में दिल के जज़्बात और उसे जोखिम उठा कर सही हाथों में पहुंचा दिया . फिर यह सिलसिला चल पड़ रात में गरबा की आंख मिचोली तक . अब  गरबा समाप्त होने के बाद की आंख मिचौली का किस्सा , अब उसकी बारी थी दबंगाई से अपना प्रेम पत्र मुझे पहुंचाने की  )

एक प्रेम कहानी अधूरी सी ….

(पिछले रविवार से आगे की दास्तान – 24)

मैंने देखा कि तुम लोग खेल शुरू करने वाले हो तो मैं झट से , सबको  , गुड मोर्निंग करते हुए बोला , मुझे भी खिला लो ना , उस दिन की तरह मैं मदद करूंगा . मैंने देखा कि इस बात से तुम्हारा भतीजा व वह छोटी लड़की एकदम खुश हो गये  परंतु तुम कड़क आवाज़ में बोली , नहीं , आज नहीं . उस दिन हमारे पास फिल्डर की कमी थी . आज अन्नू भी है . मैं बोला , एक खिलाड़ी बढ़ गया तो मज़ा  और ज़्यादा आयेगा . मुझे भी खिला लो ना प्लीज़. वह शरारती लहज़े में बोली , नहीं आज हम लोगों ने सबसे अच्छे खिलाड़ी के लिये एक छोटा सा गिफ्ट रखा है और छोटी सी कोल्ड ड्रिंक पेस्ट्री पार्टी भी .. अब मैं तुम्हारी जगह , अन्नू से रिक्वेस्ट करते हुए बोला , देखो ना , अन्नू , हमारी कितनी अच्छी पहचान हो गई है . हम साथ गरबा भी खेल लिये , फिर भी ये जान कर, अनजान बन रही है . मैं राइटी हूं पर लेफ्ट हैंड से खेलूंग़ा , इससे मेरी सबसे अच्छे खिलाड़ी  की दावेदारी खत्म हो जायेगी . अन्नू भी , मलिका की तरफ देखते हुए , शरारती अंदाज़ में हंसी और बोली , खिला लेते हैं यार ! बंदा , मज़ेदार है . तुमने देख भी लिया है कि गरबे में कितना शरीफ बनता था . एक तरफ इसकी नज़र केवल एक ही सुंदरी पर ही थी . तुम भी मन ही मन हंसी पर बाहर से बोली , ठीक है , तुम कहती हो तो . उस दिन खेल में मैं बहुत मज़ाक़िया अन्दाज़ में फिल्डिंग , बॉलिंग व कमेंट करता . तुम्हारे सिवाय सब ज़ोर ज़ोर से हंसते , तुम्हारी दोस्त मुझ पर ज़्यादा ही मेहरबान होने लगी थी . फिर उलटे हाथ की बैटिंग में मैंने ज़ोरदार जलवे  दिखाये . मैन ऑफ़ मैच का गिफ्ट लेने के बाद मैंने कुछ खाने पीनी और रुकने से इंकार कर दिया . मैं समझ गया था कि इस गिफ्ट  में तुम्हारी चिट्ठी है , जिसे तुमने पूरी रिस्क लेकर सबके सामने  मुझे पहुंचा ही दिया .

मैन ऑफ़ मैच का गिफ्ट लेने के बाद मैंने कुछ खाने पीने और रुकने से इंकार कर दिया . मैं समझ गया था कि इस गिफ्ट  में तुम्हारी चिट्ठी है , जिसे तुमने पूरी रिस्क लेकर सबके सामने  मुझ तक  पहुंचा ही दिया . लगभग भागते हुए मैं होस्टल में अपने रूम की तरफ चल पड़ा . रास्ते में  , कुछ दोस्त मिले . ज़िद करने लगे , मुझे साथ ले चलने की . रविवार को टल्ले खाते हुए फिल्म देखकर खाते पीते रात तक लौटने का प्रोग्राम था . ऐसे हर प्रोग्राम में मैं शामिल ज़रूर होता था और खूब हुल्लड़ –मस्ती करता था . सो हम सभी को बहुत मज़ा आता था पर आज तो मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था . मैंने पेट खराब होने  का बहाना बनाया और होस्टल की तरफ लगभग दौड़ने सा लगा तो वे लोग हंसने लगे . मैं भी खुद पर बन रहे मज़ाक़ पर मन ही मन मुस्कुरा दिया . रूम पहुंच कर देखा तो रूम पार्टनर भी बाहर गया था , यह देखकर मुझे चैन आया और मैंने रूम अन्दर से बंद कर लिया . 

तलब किया है मुझे, फिर तेरे ख़यालों ने, 
आज फिर ,दिल के मामले में ,गुफ्तगू होगी .

सचमुच , उस गिफ्ट में चॉकलेट्स के नीचे की गई पैकिंग में एक लिफाफा बेहतरीन तरीक़े से छिपाया गया था . मैंने फटाक से उसे निकाला और कंपकपाते हाथों से उस लिफाफे से चिट्ठी निकाल ली . एक खुशबू का झोंका भी उस लिफाफे के साथ बाहर आया . उस चिट्ठी को तुमने खुशबूदार बनाकर भेजा था . बिना एक सेकंड रुके मैं पढ़ने लगा .

ध्रुव , मेरे यार , 
मेरे शानदार यार ,
आपको  ढेर सारा प्यारा ..

आपके  खूबसूरत खत  को पाकर मैं इतनी खुश हूं कि बयान भी नहीं कर पा रही हूं. सचमुच , ऐसा लग रहा है कि हमारे बीच अलौकिक आकर्षण है . आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा कैसे लिख रही हूं ? दरअसल,  मेरी पढ़ाई इंगलिश मीडियम में होने के बावजूद मेरी हिंदी व उर्दू बहुत अच्छी थी और  मुझे कविताओं , शेर ओ शायरी का बहुत शौक रहा . दूसरों के अलावा मैं भी यह सोचती थी कि ऐसा क्यों है ? अब मुझे समझ आया है कि यह सब मुझे आपके खत  के एक एक लफ्ज़ को  तीव्रता से महसूस करने के लिये था . 

खुली आंखों  से सपना झांकता है , यह सोता है या कुछ कुछ जागता है 
तेरी चाहत के भीगे जंगलों में , मेरा मन मोर बन कर  नाचता है ..

मेरे सरकार , आपने तो मेरे साथ हुई एक एक , छोटी से छोटी बातों को शब्दों से पिरो दिया . अब बारी मेरी है कि मैं अपनी भावनाओं के उठते हुए ज्वार को आपके सामने बयान कर दूं . पहले मैं इस प्यार – व्यार के चक्कर पर बिल्कुल विश्वास नहीं करती थी . मेरी कुछ फ्रैंड्स  से इस बारे में सुनकर बहुत हंसती और उनका मज़ाक़ भी उड़ाती थी . मैने पहले भी आपको  बताया था कि मेरा परिवार एकदम मॉडर्न व खुले विचारों वाला है . मेरे बड़े भाई की लव मैरेज हुई है व मैं अपनी भाभी के एकदम करीबी हूं इसलिये मैं अपने  बॉय फ्रैंड को सीधे घर ले जाकर मिलवा सकती हूं परंतु मेरा इस तरह का कभी कोई इरादा नहीं था . एक रात मेरे घर में रुकी हुई  मेरी सहेलियां देर रात तक अपने जीवन के पहले आकर्षण पर बात कर रहीं थीं  कि कैसा अजब का अहसास होता है , इस तरह की लुका छिपी व प्यार में .

फिर मुझे ध्यान आया कि रोज़ सुबह एक  स्मार्ट सा दिखने वाला नवयुवक (आप ) मेरी खिड़की की तरफ देखता रहता है . दूसरी सुबह मैंने उस जगह देखा तो वह नवयुवक नहीं दिखा तो मैं इधर उधर देख रही थी . अचानक दूसरी जगह पर खड़े दिखे  आपने  मुझे मुस्कुराकर सलाम ठोक दिया . मेरी तो सांसें जैसे अटक गई , दिल की धड़कन एकदम बढ़ गई . एक अजब सा नशीला अहसास होने लगा मुझे .  उस रात मैंने तय किया कि मैं आपसे दोस्ती करूंगी और फिर से उस दिल धड़काने वाले प्रेम के अहसास को महसूस कर मज़ा लूंगी पर पहले से सबकुछ बता कर कि हम हमारी दोस्ती में जान समझकर यह सब कर रहे हैं . आगे ज़िंदगी में किसी भी तरह के कमिटमेंट के बिना और सहजता से अलग होने की मानसिकता के साथ . पर सोचा, क्या मुझे ऐसा करना चाहिये ? क्या यह संभव हो सकेगा ? लेकिन जब आपसे फोन पर बात हुई और  जब आपका मज़ेदार अन्दाज़े बयां देखा तो एक सुकून सा मिला कि मैं आगे बढ़ने के पहले आपसे खुलकर बात कर सकती हूं . अब आपसे लगातार दोस्ती बढ़ने के बाद मैंने महसूस किया कि आप बहुत शानदार हैं. शायद मैं जो सोचती थी उससे भी बेहतर . मुझे आपकी शरारत , आपके संजीदा अंदाज़ से बहुत बेहतर लगा . मैं अपने को एक स्ट्रेट फॉर्वर्ड व कड़क मिजाज़ मानती थी पर आपकी छेड़छाड़ से मेरे अन्दर  भी एक शरारती युवती अंगड़ाई लेने लगी . मुझे बहुत मज़ा आ रहा है , मेरे यारा. 

नज़र बचा के सबसे, जब से , हम सँवरने लगे, 
आईना , जान गया , हम भी इश्क़ करने लगे     

( अगले हफ्ते आगे का किस्सा ) 

इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक ,

दैनिक पूरब टाइम्स

More Topics

शिवाजी महाराज: हिंदवी स्वराज के महानायक और भारतीय नौसेना के जनक

छत्रपति शिवाजी महाराज, भारतीय इतिहास के सबसे महान और...

किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण: नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में किडनी शामिल...

रणकपुर जैन मंदिर: भारत का अद्भुत वास्तुशिल्प चमत्कार, जानें इसकी रोचक विशेषताएँ

पाली, राजस्थान – भारत अपनी धर्मनिरपेक्षता और सांस्कृतिक विविधता...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े