देश के अनेक मामलों में गड़बड़ हालात पर मेरी कई पोस्ट सत्ताधारी भक्तों को पसंद नहीं आती हैं . व्हाट्सएप पर हमेशा उन पोस्ट पर मुझसे वाद विवाद की कोशिश करने वाले , मुझे कभी विपक्ष से सांठ-गांठ रखने वाला तो कभी पकिस्तानी सोच वाले, एक साथी सीधे ही मुझसे भिड़ने आ गये .
इसपर मैंने उन्हें चिढ़ाते हुए कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार को आये 132 महीने यानि ग्यारह साल हो गए हैं , पर अच्छे दिन कहां है ? बॉर्डर पर अभी भी चीन की घुसपैठ नहीं रोक पा रहे हैं . वे जनाब भी , सत्ताधारी नेता की तरह तुनक कर बोल उठे , कांग्रेस ने ६० साल राज किया तुम उसका हिसाब नहीं मांगते हो ? मैंने कहा कि उसी का हिसाब करने के और मोदीजी द्वारा “अच्छे दिन “के सपने साकार करने की की चाह में ही जनता ने केंद्र से कांग्रेस को गद्दी से उतारकर , एक नहीं, दूसरी बार ही नहीं , तीसरी बार भी , बीजेपी को बिठा दिया है . हमारी बातचीत में पत्रकार माधो कूद पड़े और उसकी तरफ से बोलने लगे , मत पूछो कि मोदीजी पिछले 60 सालों को क्यों बार बार रो रहे हैं । बीजेपी अगर पहले से ही सत्ता पर होती तो बहुत कुछ हो गया होता ? पत्रकार माधो के झांसे में फंसकर , वे साथी खुश होकर बोले, माधोजी , आप ही इन्हें बताइये ना कि बीजेपी यदि सत्ता में होती तो उसने क्या-क्या कर लिया होता ? पत्रकार माधो ने अपने अंदाज़ में बोलना शुरू किया . क्रिकेट में पवेलियन में बैठा बारहवां खिलाडी इसी सोच में होंठ चबाता रहता है कि मैं बैटिंग में होता तो सेंचुरी ठोकता।
अब सुनो , बीजेपी होती तो क्या होता :
0 भारत फिर से सोने की चिड़िया बन गया होता , ब्रिटेन से सारा लूट का धन व मूल्यवान सामग्री वापस आ गई होती
0 पाकिस्तान कब के भारत में वापस मिल गया होता और वहां के लोग तिरंगा को सलाम करते
दिखते
0 भारत-चीन लंगोटिया यार होते। चीन भारत से बहुत ज़्यादा प्रेम करता क्योंकि “भय बिन होय ना प्रीति “
0 ली जिनपिंग के साथ मोदीजी के घनिष्ठ घरेलू संबंध व आपसी मेलजोल केवल एक दूसरे के यहा घूमने फिरने तक ही सिमित नहीं होता , बल्कि अब तक चीनियों को भारतीय तरीक़े से पकाये जाने वाली चाउमिन व मंचूरियन बेहद भाने लगता बल्कि उनके फाइव स्टार होटलों में
भारतीय रेसिपी से खाना बनता
0 लद्दाख बॉर्डर पर दोनों देश के सिपाही रोज़ आपस में कबड्डी खेलने का मज़ा लूटते। सीमा पर जवान एक दूसरे पर चाइनीज़ दिवाली के राकेट चलाते।
0 दाऊद , विजय माल्या इत्यादि को विदेश भागना नहीं पड़ता , उल्टा पीएमओ ऑफिस में रिकवरी डिपार्टमेंट में जॉब कर रहे होते.
0 अमेरिका हर उच्च तकनीकि के अविष्कारों के लिये भारत की तरफ मदद के गुहार लगाता
0 गरीबी पूरी तह से गायब हो गई होती क्योंकि हर एक देशवासी के हाथ में “जन धन योजना “ का ऐसा एटीएम कार्ड होता कि काला धन हर एक के खाते में डायरेक्ट टीडीएस काटके जमा हो गया होता। इतने सालों मे ब्याज जमा हो होकर रकम दोगुनी चौगुनी हो जाती। मोदीजी को ब्याजसमेत चुकाने का बहुत चाव है , वह तो वोट का बदला भी ब्याज समेत चुकाने का वादा करते रहते हैं ।
0 गंगा माँ और भारत तो कब का स्वच्छ हो गया होता , बल्कि गन्दा ही नहीं होने देते।
पत्रकार माधो आगे और बोलना चाहते थे कि देश में आर्थिक मोर्चे ….. परन्तु वे नेताजी ज़रूरी काम है बोलकर भाग खड़े हुए .
इंजी. मधुर चितलांग्या
संपादक , दैनिक पूरब टाइम्स