Total Users- 1,138,699

spot_img

Total Users- 1,138,699

Monday, December 15, 2025
spot_img

व्यंग गुस्ताखी माफ : गणपति बप्प्पा मोरिया , अगले बरस तू जल्दी आ !

गणेश विसर्जन के बाद रंग गुलाल में डूबा मैं अपने साथियों के साथ पत्रकार माधो से मिला तो वे बोले , लोकमान्य तिलक ने देशभक्ति की भावना का संचार करने, लोगो में भाईचारा बढाने और लोक कलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पुणे से गणेशोत्सव शुरू किया था . महाराष्ट्र का परिचायक माना जाने वाला यह गणपति उत्सव इस समय पूरे भारत में फैल गया है . आज इसका स्वरूप बदल गया है परन्तु लोगों के आपस में मिलने जुलने और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने , उसका आनंद लेने का यह बेहतरीन प्लेटफॉर्म बन गया है . पर यह क्या ? इसमें भी विकृतियों ने प्रवेश कर लिया है ?

वे आगे बोले , भले ही किसी गरीब के इलाज के लिए किसी ने दो रुपये का चंदा नहीं जमा किया होगा लेकिन गणेश की मूर्ति के पंडाल के लिए हजारों-लाखों रुपये का चंदा, लोगों से जबरदस्ती मांगकर , जमा हो जाएगा। मूर्ति भी औकातानुसार बड़ी से बड़ी लगायी जाएगी . आखिर छोटी मूर्ति से गणेश कहां से प्रसन्न होंगे? स्थल सजावट और मंडप पर भारी खर्च किया जाएगा ताकि दूसरे मंडल से ज़्यादा लोग यहां आकर्षित हों . पंडाल में भी डीजे की व्यवस्था की जाएगी ताकि श्रद्धालु गण अपनी नृत्य कला में महारत का प्रदर्शन करते हुए अपने आराध्य को प्रसन्न कर सकें।

अंत में उन्होंने कहा , फिर विसर्जन का मौका आने पर तो यह पगलापा चरम पर पहुंच जाता है। लाखों रूपये की झांकी पर उस मूर्ति को लेकर लड़के-लड़कियां, जवान-अधेड़, टेम्पो, ट्रकों में भरकर ठंडा करने के लिए इतने उत्साहित दिखते हैं जितने अपने हाईस्कूल/इंटर के रिजल्ट के लिए भी नहीं हुए होंगे। तेज बैंड या चल डीजे के साथ नाचते-कूदते, अनेक लोग शराब में डूबे, गुलाल से होली खेलते और बिना मतलब जाने ‘गणपति बप्पा मोरया’ (अगर विश्वाश नहीं है तो जरा किसी से पूछ कर देखिये कि ‘गणपति बप्पा मोरया’ का क्या मतलब होता है) का शोर मचाते, जगह-जगह जाम लगाते और फिर आखिर में नदी या तालाब के प्रदूषण को भारी मात्रा में बढ़ाकर अपनी महानता और धार्मिकता के नशे में चूर अपने घरों को लौट जाते हैं।

मैंने कहा , हो सकता है आप एकदम सही हों परन्तु यह बात भी उतनी सही है कि गणेश उत्सव का मज़ा लेने वाले हम जैसे लोगों को इस आयोजन का साल भर इंतज़ार रहता है. फिर मैं ज़ोर से चिल्लाया , ‘गणपति बप्पा मोरिया’, मेरे अन्य साथी दुगने जोश में चिल्ला पड़े , ‘अगले बरस तू जल्दी आ’ .

इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स

More Topics

MGNREGA: मनरेगा को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी...

लियोनल मेसी का ‘GOAT India Tour 2025’ मुंबई पहुँचा: आज CCI और वानखेड़े में होंगे बड़े आयोजन

महाराष्ट्र। दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शुमार अर्जेंटीना के...

इसे भी पढ़े