लोक सभा चुनाव के नतीजों में बहुमत से पिछड़ने के बाद सियासी हलकों में यह चर्चा थी कि आंध्रा प्रदेश के मुख्य मंत्री चंद्र बाबू नायडू और बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार केंद्र में भाजपा को समर्थन के बदले में बड़ी सियासी और आर्थिक कीमत वसूलेंगे लेकिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दवरा मंत्री मंडल के गठन के समय दोनों दलों के दो दो सांसदों को ही कैबिनेट में जगह दी गई. इसके बाद इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई कि बजट में यह दोनों नेता अपने समर्थन की बड़ी आर्थिक कीमत वसूलेंगे। दो दिन पहले ही मीडिया में यह खबरें भी चलाई जाने लगी कि बिहार में जनता दल यू के नेताओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है लेकिन बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बजट से पहले ही सिरे से नकार दिया लेकिन जब बजट आया तो इसमें भी बिहार और आंध्रा प्रदेश को इतनी बड़ी रकम नहीं मिली जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था। हालांकि बजट में इन घोषणओं के बाद तेलगु देशम पार्टी और जनता दल यू के नेताओं ने बजट घोषणाओं का स्वागत किया है
आन्ध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रूपए
वित्त मंत्री ने आंध्र प्रदेश स्टेट री आर्गनाइजेशन एक्ट का हवाला देते हुए आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रूपए देने की घोषणा की और साथ ही यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में भी आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता जारी रहेगी। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया करवाने के लिए बनाए जा रहे पोलवरम इरिगेशन प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने की घोषणा की गई। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में उद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पानी, बिजली ,रेलवे और सड़कों जैसी सुविधाओं के लिए फंड मुहैया करवाए जाएंगे और विशाखापट्नम -चेनई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और हैदराबाद -बेंगलोर इंडस्ट्रियल कपरोडोर में मदद की जाएगी