श्याम बेनेगल, भारतीय सिनेमा के एक महान निर्माता और निर्देशक, का 23 दिसंबर 2024 को मुंबई में निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। बेनेगल को भारतीय सिनेमा में समानांतर सिनेमा के अग्रणी के रूप में जाना जाता था।
उनकी कला को भारत सरकार द्वारा 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी प्राप्त हुए थे। उनकी फिल्मों में भारतीय समाज की गहरी झलक और गंभीर मुद्दों को उठाने की अद्वितीय क्षमता थी, जो उन्हें एक विशेष पहचान दिलाती थी।
बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद में हुआ था, और उनका संबंध एक Konkani-भाषी चितरपुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार से था। उनके पिता, श्रीधर बी. बेनेगल, कर्नाटक से थे और एक फोटोग्राफर थे, जिन्होंने श्याम को फिल्म निर्माण में रुचि दिखाई। श्याम ने 12 साल की उम्र में अपने पिता से प्राप्त कैमरे से अपनी पहली फिल्म बनाई थी।
उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की और वहीं पर हैदराबाद फिल्म सोसाइटी की स्थापना की थी। उनकी निर्देशित फिल्मों में ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘मम्मो’, ‘सरदारी बेगम’, और ‘जुबैदा’ जैसी फिल्में शामिल हैं, जिन्हें यथार्थवादी दृष्टिकोण के लिए सराहा गया।
हाल ही में, उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था, जिसमें अभिनेत्री शबाना आजमी ने सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें साझा की थीं। उनके निधन से भारतीय सिनेमा ने एक महान निर्देशक और फिल्म निर्माता को खो दिया है।