इंदिरा आवास योजना (Indira Awas Yojana), जिसे अब प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के नाम से जाना जाता है, एक सरकारी योजना है जो भारत सरकार द्वारा गरीबों को किफायती आवास प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
इतिहास और शुरुआत:
- इंदिरा आवास योजना की शुरुआत 1985 में भारत सरकार द्वारा की गई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को आवास प्रदान करना था।
- इस योजना का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया था, जो भारत की पूर्व प्रधानमंत्री थीं, क्योंकि यह योजना उनके शासनकाल में शुरू हुई थी।
मुख्य उद्देश्य:
- गरीबों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किफायती मकान उपलब्ध कराना।
- सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों को जीवनयापन की बेहतर स्थितियां प्रदान करना।
- महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को प्राथमिकता देना।
नवीनतम जानकारी (PMAY – प्रधानमंत्री आवास योजना):
- 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) रखा गया, और यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू की गई।
- इस योजना के तहत 2022 तक सभी को आवास का लक्ष्य रखा गया है।
- शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में निम्न आय वर्ग के लिए घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
सहायता राशि:
- ग्रामीण क्षेत्रों में, आवास निर्माण के लिए सरकारी सहायता राशि ₹70,000 से ₹1.20 लाख तक है।
- शहरी क्षेत्रों में, सहायता राशि ₹1.5 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकती है, जो आयु वर्ग और अन्य पहलुओं पर निर्भर करती है।
लाभार्थी चयन:
- यह योजना मुख्य रूप से उन गरीब परिवारों को लाभ देती है जिनके पास खुद का घर नहीं है।
- लाभार्थियों का चयन सरकार द्वारा निर्धारित मानकों और सर्वेक्षणों के आधार पर किया जाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुछ प्रमुख लाभ:
- मकान निर्माण के लिए ऋण, सब्सिडी, और सहायता राशि प्रदान करना।
- महिला लाभार्थियों को प्राथमिकता।
- कच्चे मकान को पक्का बनाने के लिए मदद।
इस योजना के माध्यम से भारत सरकार का लक्ष्य 2022 तक सभी लोगों को स्थायी और सुरक्षित आवास प्रदान करना है।