बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान भारत सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू किया गया था। यह अभियान महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने, लिंगानुपात में सुधार करने, और लड़कियों के शिक्षा और सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया।
मुख्य उद्देश्य:
- लड़कियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- लिंग भेदभाव को खत्म करना।
- लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
- बच्ची के जन्म के समय महिला भ्रूण हत्या को रोकना।
- लड़कियों के सुरक्षा और स्वास्थ्य के अधिकारों को सुनिश्चित करना।
अभियान के प्रमुख तत्व:
- लिंगानुपात में सुधार: भारत में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या कम हो रही थी। यह अभियान इसका विरोध करता है और लोगों को यह समझाता है कि बेटियों की भी उतनी ही अहमियत है जितनी बेटों की।
- शिक्षा का महत्व: अभियान ने यह संदेश दिया कि यदि लड़कियों को शिक्षा दी जाती है, तो वे समाज के विकास में अहम योगदान दे सकती हैं।
- सुरक्षा और स्वास्थ्य: महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मुहैया कराना अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
अन्य पहलें:
- स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं: महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया गया।
- सामाजिक परिवर्तन: लड़कियों के अधिकारों को लेकर समाज में सोच और दृष्टिकोण को बदलने की कोशिश की गई।
इस अभियान को शुरू करते समय भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे एक बड़े राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे समाज में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण बनाने का प्रयास किया गया।