राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में आदिवासी समुदायों के विकास को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उनका कहना था कि भारत सरकार की विकास पहलों ने आदिवासी समुदायों के जीवन पर एक सकारात्मक प्रभाव डाला है और इन पहलों के चलते उनकी जीवनशैली में बदलाव आया है। उन्होंने विशेष रूप से उन योजनाओं का जिक्र किया, जिनसे आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और आर्थिक सुधार हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की कई योजनाएं, जैसे कि आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास, रोजगार के अवसरों का विस्तार, और समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के प्रयास, आदिवासी समुदायों के जीवन में स्पष्ट रूप से परिवर्तन ला रहे हैं। विशेष रूप से, आदिवासी महिलाओं के लिए कई कार्यक्रमों के माध्यम से उनके सशक्तिकरण की दिशा में काम किया जा रहा है।
इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू ने आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को बनाए रखने के महत्व को भी रेखांकित किया। उनका कहना था कि आदिवासी समाज के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को पहचाना जाना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करते हुए उन्हें आधुनिक विकास से जोड़ा जाना चाहिए।
आदिवासी कल्याण के लिए सरकार की योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि विकास, और आदिवासी युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण जैसी पहलें शामिल हैं। इसके साथ ही आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि वे सशक्त बन सकें और देश के विकास में भागीदार बन सकें।
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि आदिवासी समुदायों के विकास में समावेशी दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित रखा जा रहा है।
यह बयान आदिवासी समुदायों के लिए सरकार के प्रति विश्वास को मजबूत करता है और उनके विकास के लिए उठाए गए कदमों की सफलता को प्रदर्शित करता है।