नई रिसर्च में दावा किया गया है कि हजारों साल पहले भेड़ियों ने खुद को पालतू बनाकर इंसानों के साथ रहना शुरू किया। भोजन की आसान उपलब्धता के चलते ये भेड़िए धीरे-धीरे इंसानों के करीब आते गए और प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया में खुद को कुत्तों के रूप में ढाल लिया।
कैसे हुआ यह बदलाव?
वैज्ञानिकों का मानना है कि करीब 30,000 से 15,000 साल पहले भेड़ियों का एक समूह इंसानों के आसपास रहकर उनके छोड़े गए भोजन पर निर्भर रहने लगा। समय के साथ, इंसानों ने कम आक्रामक भेड़ियों को अपनाया और उन्हें अन्य सौम्य स्वभाव वाले भेड़ियों के साथ प्रजनन कराया। इससे नई प्रजाति का जन्म हुआ, जिसे आज हम कुत्ते (कैनिस फैमिलिएरिस) के रूप में जानते हैं।
स्व-पालतूकरण का सिद्धांत
इस अध्ययन में कहा गया है कि भेड़िए सिर्फ इंसानों द्वारा पालतू नहीं बनाए गए, बल्कि उन्होंने खुद ही यह जीवनशैली चुनी। गणितीय मॉडल के आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि यदि भेड़िए भोजन की तलाश में इंसानों के पास रहते और समान स्वभाव वाले साथी चुनते, तो 15,000 सालों में वे खुद को कुत्तों के रूप में विकसित कर सकते थे।
कुत्ते बने इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त
समय के साथ, इन कुत्तों की कई अलग-अलग नस्लें बनीं और वे इंसानों के जीवन का अहम हिस्सा बन गए। आज कुत्ते न केवल पालतू जानवर बल्कि रक्षक, साथी और सहायक की भूमिका भी निभा रहे हैं।
नया अध्ययन ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी बी’ में प्रकाशित हुआ है।