वो ख्वाबों के दिन
( पिछले 13 अंकों में आपने पढ़ा : मन में अनेक अरमान लिए एक गांव से शहर पढ़ने आये
एकयुवाकेदिलकीधड़कनबढ़ादेतीहै , एकदिनअचानक , एकबंगलेकीपहलीमंज़िलकीखिड़की . वहदेखताहैवहांपरएकनाज़ुकवबेहदखूबसूरतयुवतीजोकिउसकीकल्पनासेभीज़्यादासुंदरहोतीहै . फिरएकदिनउसेमहसूसहोताहैकिउसखिड़कीकेसैंकड़ोंचक्करबिलकुलबेअसरनहींहैं . उसयुवतीकेइशारोंइशारोंमेंजवाबऔरआगेमस्तीसेभरीफोनपरशुरूहोचुकीबातचीतनेएकखूबसूरतआकारलेनाशुरूकरदिया . आगेपढें, प्यारकीपहलीमुलाकातपरशर्तकेकारणमिलेदिलकोसुकूनऔरदर्दकोउकेरतेहुआपहलेप्रेमपत्रकाआगेकाहिस्सा)
एकप्रेमकहानीअधूरीसी ….
(पिछलेरविवारसेआगेकीदास्तान – 14 )
दिल से बस, इतनी बात बड़ी मुश्किल...