रायपुर। राज्य में टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ आयकर विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए लगातार छापेमारी अभियान चला रखा है। आयकर इन्वेस्टिगेशन और करारोपण टीम अलग-अलग ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में, बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी पीआरए ग्रुप के तेलीबांधा स्थित कार्यालय में आयकर विभाग की करारोपण टीम ने सर्वे किया।
पीआरए ग्रुप पर आयकर विभाग की नजर
पीआरए ग्रुप का नाम राज्य के बड़े कंस्ट्रक्शन ठेकेदारों में शामिल है। यह वही ग्रुप है, जिसके कार्यालय पर पिछले वर्ष झारखंड के अमन साव गिरोह ने लेवी वसूली के लिए फायरिंग की थी। सड़क निर्माण सहित कई बड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स में इसकी हिस्सेदारी है। झारखंड में भी कंपनी के कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।
आयकर विभाग को शिकायत मिली थी कि इस कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर कच्चे में लेन-देन किया जा रहा है। इसी संदेह के आधार पर आयकर विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर राहुल मिश्रा की अगुआई में टीम ने दस्तावेजों की जांच शुरू की।
आगे पढ़ेचावल कारोबारियों पर भी छापे जारी, 8 करोड़ कैश जब्त!
उधर, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में चावल कारोबारियों, राइस मिलर्स और ब्रोकरों के ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापे की कार्रवाई जारी रही। इन छापों में 8 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई, जबकि पहले दिन 1.5 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।
आईटी सूत्रों के अनुसार, टीम को उम्मीद से ज्यादा कच्चे लेन-देन और टैक्स चोरी के सबूत मिले हैं। जिस हिसाब से कैश और अनऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह छापेमारी लंबी चल सकती है।
5 से 7 सौ करोड़ की संपत्ति का अनुमान
आयकर विभाग को संदेह है कि जिन चावल कारोबारियों, मिलर्स और ब्रोकरों पर कार्रवाई हो रही है, उनकी संपत्ति 500 से 700 करोड़ रुपये तक हो सकती है। कारोबारी ठिकानों से इलेक्ट्रॉनिक और कागजी दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनमें टैक्स चोरी से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं।
गोंदिया से होती थी फर्जी बिलिंग
सूत्रों के मुताबिक, ये कारोबारी समूह कच्चे में चावल बेचने के लिए गोंदिया से बिलिंग करते थे। छत्तीसगढ़ से चावल बाहर भेजने पर भी ये गोंदिया से बिलिंग करते थे, जिससे टैक्स चोरी का सही आकलन करना मुश्किल हो जाता था।
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