रायपुर। साइबर ठगी के जालसाजों के लिए छत्तीसगढ़ सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो महीनों में 500 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम राज्य के विभिन्न बैंक खातों के जरिए ट्रांसफर की गई। रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव की साइबर पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
फर्जी कंपनी बनाकर 429 करोड़ ठिकाने लगाए
दिल्ली के संदीप रात्रा और रायपुर के राजवीर सिंह ने रायपुर में क्रोमा शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स नाम से फर्जी कंपनी खड़ी की। इस कंपनी के माध्यम से साइबर ठगों की ठगी की रकम को विदेशी खातों में भेजा गया। पुलिस के मुताबिक, 429 करोड़ रुपये की यह रकम सिंगापुर और थाईलैंड के जरिए चीन ट्रांसफर की गई।
म्यूल अकाउंट का हब बना छत्तीसगढ़
महादेव सट्टा की रकम ठिकाने लगाने के लिए पहले से किराए पर बैंक अकाउंट खुलवाए गए थे। इसके बाद साइबर ठगों ने इसी तरीके को अपनाते हुए बड़ी संख्या में म्यूल अकाउंट खुलवाए। राज्य में अब तक 5000 से अधिक संदिग्ध म्यूल अकाउंट ब्लॉक किए गए हैं।
कंबोडिया से हो रहा था ठगी का संचालन
राजनांदगांव पुलिस ने 80 संदिग्ध बैंक अकाउंट की पहचान कर 10 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा किया। पुलिस ने ठगी के आरोप में श्रेणीक कुमार संघ वी, आशुतोष शर्मा, दीपक तिवारी और दीपक नारेडी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने कमीशन के बदले ठगी की रकम कंबोडिया के जरिए चीन भेजी।
लालच में फंस रहे लोग
साइबर ठग लोगों को उनके बैंक खाते किराए पर देने के बदले मोटी रकम का लालच देते हैं। बदले में खाताधारकों से पासबुक, चेक और एटीएम लेकर खातों का दुरुपयोग किया जाता है। पुलिस का मानना है कि अब भी हजारों म्यूल अकाउंट सक्रिय हैं, जिनके जरिए ठगी की रकम का ट्रांजेक्शन किया जा रहा है।
पुलिस ने की अपील: संदिग्ध बैंकिंग गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करें और लालच में आकर अपने बैंक खाते किसी को न दें।