ह्यूमन मेटापेन्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो आमतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह वायरस मानव के फेफड़ों और श्वसन नलिका में संक्रमण उत्पन्न करता है, जिससे सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह वायरस फ्लू या सामान्य सर्दी जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह श्वसन तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों में।
आगे पढ़ेHMPV के लक्षण:
- गंभीर खांसी
- बुखार
- सीने में जकड़न
- सांस लेने में तकलीफ
- गले में खराश और जुकाम
- ऑक्सीजन स्तर में गिरावट
मुंबई में एक छह महीने की बच्ची में HMPV संक्रमण का मामला सामने आया, जिससे यह चिंता बढ़ी है। यह बच्ची 1 जनवरी को गंभीर खांसी और सांस में दिक्कत के साथ अस्पताल में भर्ती हुई थी। डॉक्टर्स ने नये रैपिड पीसीआर टेस्ट से इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि की। हालांकि, बच्ची को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
HMPV और कोविड-19:
कुछ लोग HMPV के बढ़ते मामलों को कोविड-19 से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसका पहला केस 2001 में पाया गया था, और यह वायरस कई वर्षों से दुनिया भर में फैल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि HMPV कोविड-19 जैसी महामारी का कारण नहीं बन सकता।
अन्य राज्यों में HMPV के मामले:
बेंगलुरु, नागपुर, पश्चिम बंगाल, अहमदाबाद और अन्य स्थानों पर भी HMPV के मामले सामने आए हैं। हालांकि, इस वायरस के बारे में चिंता बढ़ने के बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोविड-19 जैसा बड़ा खतरा नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी कहा कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, और स्थिति पर सरकार जल्द ही विस्तृत जानकारी जारी करेगी।
HMPV के इलाज और नियंत्रण:
HMPV का इलाज आमतौर पर लक्षणों के आधार पर किया जाता है। यदि संक्रमण गंभीर हो, तो अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है, जहां श्वसन सहायता और अन्य दवाओं का उपयोग किया जाता है। इस वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए, डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन्फ्लूएंजा और श्वसन संक्रमणों की निगरानी बढ़ा दी है।
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