भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए चेयरमैन के रूप में स्पेस साइंटिस्ट वी. नारायणन की नियुक्ति की है। उनका कार्यकाल दो साल का रहेगा। वर्तमान में, नारायणन वलियामाला स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं और उनके पास 40 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण ISRO मिशनों में अहम भूमिका निभाई है, जैसे कि चंद्रयान-2, चंद्रयान-3, और आदित्य-L1 मिशन। उनके नेतृत्व में ISRO ने कई महत्वपूर्ण प्रक्षेपण प्रणालियाँ और प्रौद्योगिकियाँ विकसित की हैं।
आगे पढ़ेवी. नारायणन ने GSLV Mk III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया और LPSC की टीम ने 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम तथा कंट्रोल पावर प्लांट प्रदान किए हैं। इसके अलावा, उन्होंने PSLV के कई महत्वपूर्ण चरणों पर भी काम किया।
नारायणन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद, क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त की और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की। 1984 में उन्होंने इसरो से जुड़ने के बाद से कई महत्वपूर्ण प्रक्षेपण यान और प्रणोदन प्रणालियाँ विकसित कीं।
नारायणन, 14 जनवरी को एस. सोमनाथ की जगह ISRO के चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभालेंगे। एस. सोमनाथ अपने तीन वर्ष के कार्यकाल के बाद रिटायर हो रहे हैं। उनके कार्यकाल में ISRO ने चंद्रयान-3 की साउथ पोल पर लैंडिंग और आदित्य-L1 मिशन जैसे महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं।
show less