असम के दीमा हसाओ जिले में स्थित उमरंगसो शहर के पास एक अवैध कोयला खदान में एक बड़ी दुर्घटना हुई है। इस खदान में लगभग 300 फीट की गहराई तक पानी भर गया, जिसके कारण 9 मजदूर फंस गए हैं। यह खदान रैट होल माइनिंग (Rat Hole Mining) तकनीक का उपयोग कर रही थी, जो एक खतरनाक और अवैध खनन प्रक्रिया है। खदान में पानी भरने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं, क्योंकि खदान की संरचना अत्यंत जटिल और पानी से भरी हुई है।
मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की विशेष टीमें मौके पर भेजी गई हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस घटनास्थल पर अधिकारियों को भेजा है और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। सेना की मदद से बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है, जिसमें गोताखोर, इंजीनियर और अन्य प्रशिक्षित जवान शामिल हैं।
यह खदान मेघालय की सीमा के पास स्थित है, और यह अवैध खनन का हिस्सा है। 2014 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने इस प्रकार के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन फिर भी कई खनन गतिविधियाँ जारी रही थीं। 2019 में NGT ने मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था क्योंकि वह अवैध खनन पर रोक लगाने में असफल रही थी।
यह घटना पहले भी हो चुकी है, क्योंकि 2018 और 2021 में मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में भी इसी प्रकार के अवैध खनन में मजदूर फंसे थे। इन घटनाओं से अवैध खनन के खतरों और इन खदानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।