fbpx

अनुभवियों से चालबाज़ी भारी पड़ सकती है , कैरियर की शुरुआत में इस बात से बचें



कुछ अरसे पहले हमारे अखबार में कुछ युवा काम करने आये थे . उनका ट्रेनिंग का कार्यक्रम शुरु किया गया. अपनी व्यस्तता के बीच मैं प्राथमिकता मानकर रोज़ उन्हें कुछ सिखाता . मैंने उन्हें कई तरह के प्रोग्राम बनाने व रिपोर्ट बनाना सिखाया . उनमें से एक लड़का बहुत तेज़ था . जब उसे कुछ टरगेट वाले काम देकरबाहर भेजा जाता तो शाम को जिस कार्य को नहीं कर पाता उसके लिये बेहतरीन बहाने देता
था . चूंकि रिपोर्टिंग मुझे होती थी तो मैं उसे देखकर मन ही मन मुस्कुराता पर कहता कुछ नहीं था. कभी कभी मैं सुबह से रायपुर चले जाता था , उस दिन वह काम में और ज़्यादा कोताही बरतता व अपने सीनियर को बड़े बहाने देता . अब उन लोगों ने उसे चैलेंजिंग काम की जगह रूटीनल काम देने शुरु किये जिसे यदि आज नहीं निपटाया गया तो दूसरे दिन उसके कारण काम का बोझ ज़्यादा बढ़ जाता था . वह बेहद परेशान रहने लगा और एक दिन विनय पूर्वक बोला , सर , मेरे काम का बोझ कम नहीं हो रहा है . मुझे मदद करिये . मैंने मुस्कुराते हुए, उसे एक कहानी सुनाई जोकि हर नये काम करने वालों के लिये
सबक़ होगी. एक धोबी समुद्र के किनारे से मटेरियल ढोने का काम करता था. उसके पास कई
गधे थे .उनमें से एक गधा बहुत अधिक मेहनत करता . ज़्यादा बोझ लादने पर भी उफ नहीं
करता. धोबी केवल उसपर गीले नमक की बोरियां लादता था , शाम तक वह नमक सूख कर हलका हो जाता और उसको जगह पर पहुंचाते तक वह गधा हल्का महसूस करता था . एक दिन गधा गलती से रास्ते में पडऩे वाले एक रपटे (सड़क के ऊपर बहने वाला पानी) पर गिर गया . गधा जब उठा तो उसने पाया कि वह पहले से काफी हलका हो गया है क्योंकि काफी नमक पानी में घुलकर बह गया था .
अब गधा रोज़ जानबूझकर रपटे में गिरता ताकि उसका बोझ कम हो जाये , धोबी को नुकसान होने लगा . एक दिन गधा जब रपटे से बाहर निकला तो उसने पाया कि बोझ उलटा बहुत ज़्यादा बढ़ गया था . दूसरे दिन भी वैसा ही हुआ .वह यह भी पाता था कि पहले की तरह उसका बोझ कम नहीं होता था . दरसल धोबी ने उसगधे पर सूखी रेती के भारी बोरे लादने शुरु कर दिये थे . यदि वह बदमाशी करता तो रेती गीली होकर और भारी हो जाती थी . मेरी कहानी सुनकर वह समझदार युवा बोला ,सर , मैं समझ गया हूं . अब आइंदा से मैं मैनेजमेंट का कम आंकलन कर ज़्यादा चतुराई नहीं दिखाऊंगा . मेरी युवाओं से यह अपील है कि वे अपने सुपीरियर से त्वरित बुद्धि लगाकर चाल ना खेलें वरना लेने के देने पड़ सकते हैं . सभी नये ट्रेनी युवाओं को आज का जीवन मंत्र समर्पित…


इंजी. मधुर चितलांग्या, संपादक,
दैनिक पूरब टाइम्स

 

More Topics

डेल्टा निर्माण कैसे होता है: सरल विधियाँ और प्रक्रियाएँ

"डेल्टा का निर्माण कैसे होता है? जानें प्रभावी विधियाँ...

भारत का सबसे बड़ा जिला: चौंकाने वाले तथ्य

"जानें भारत का सबसे बड़ा जिला कच्छ के बारे...

अग्नि कितने प्रकार की होती है

अग्नि के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कई पुराणों, वैदिक...

हिंदी का पहला समाचार पत्र कब प्रकाशित हुआ

हिंदी का पहला समाचार पत्र "उदन्त मार्तण्ड" था, जिसे...

सक्रिय युवा: जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण समाधान

"सक्रिय युवा जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण की बड़ी...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े