गाजा पट्टी, 28 जनवरी: सोमवार को हजारों फिलिस्तीनी उत्तरी गाजा पट्टी के नष्ट हो चुके इलाकों में लौट आए, जब इज़रायल ने हमास के साथ 15 महीने लंबे संघर्ष के बाद संघर्ष विराम के तहत अपनी सेना हटा ली। पलायन के बाद अब वापसी के इस दृश्य ने युद्ध के भीषण विनाश के बावजूद लोगों में उत्साह और उम्मीद जगाई है।
पलायन से घर वापसी तक का सफर:
पिछले एक साल से अधिक समय तक गंदे तंबुओं और स्कूलों में शरण लेने के बाद, ये परिवार अपने घरों की ओर लौट रहे हैं, भले ही वे जानते हैं कि उनके घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो सकते हैं। लोगों ने इसे इज़रायल के सैन्य अभियान के बाद दृढ़ता का प्रतीक माना, जो हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के जवाब में शुरू हुआ था।
भावुक दृश्य और संघर्ष विराम:
चार बच्चों के पिता इस्माइल अबू मैटर ने सीमा पार कर अपने रिश्तेदारों से मिलते वक्त खुशी और भावुकता के क्षणों को साझा किया। उन्होंने इसे “वापसी की खुशी” कहते हुए कहा, “हमें लगा था कि हम अपने पूर्वजों की तरह कभी वापस नहीं लौटेंगे।”
हमास और इज़रायल के बीच विवाद और समाधान:
वापसी की प्रक्रिया दो दिन के लिए विलंबित हुई क्योंकि हमास और इज़रायल के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली को लेकर विवाद था। हालांकि, मध्यस्थों ने रातोंरात इस विवाद को सुलझा लिया।
हमास का दावा और इज़रायली प्रतिक्रिया:
हमास ने इसे अपने लोगों की जीत और इज़रायल की योजनाओं की विफलता बताया। वहीं, इज़रायली रक्षा मंत्री इज़रायल कैट्ज़ ने चेतावनी दी कि संघर्ष विराम के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
युद्ध के प्रभाव:
अक्टूबर 2023 में इज़रायल के आदेश के बाद लगभग दस लाख लोग दक्षिण की ओर पलायन कर गए थे। गाजा के उत्तरी इलाकों में सबसे भयानक लड़ाई और विनाश देखा गया, लेकिन अब संघर्ष विराम ने एक नई उम्मीद जगाई है।
गाजा पट्टी में यह पलायन से वापसी का सफर इस बात का प्रतीक है कि संघर्ष के बीच भी लोग अपने घर और जमीन के प्रति कितना लगाव महसूस करते हैं।
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