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Wednesday, March 26, 2025
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अमेरिका में कोविड से ज्यादा घातक हुआ फ्लू, अस्पतालों में मरीजों की बाढ़

अमेरिका के कैलिफोर्निया में फ्लू ने कोविड-19 को पीछे छोड़ दिया है और अब यह सबसे घातक श्वसन रोग बन चुका है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं दबाव में हैं।

टीकाकरण दर चिंताजनक रूप से कम
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लू के बढ़ते मामलों के बीच टीकाकरण की दर बेहद कम है। इस सीजन में केवल 44% वयस्क और 46% बच्चे ही फ्लू का टीका लगवा पाए हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

“हर तरफ फ्लू के मरीज”
सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ पीटर चिन-होंग ने बताया, “हमारा अस्पताल पूरी तरह से भरा हुआ है। ऐसा लग रहा है कि इन्फ्लूएंजा हर जगह है।” बे एरिया के क्लीनिकों में किए गए श्वसन वायरस परीक्षणों में 70% से अधिक मामले इन्फ्लूएंजा के पाए गए हैं, जो कोविड-19 और RSV से कहीं अधिक हैं।

फ्लू से मौतों की संख्या चौंकाने वाली
1 जुलाई से अब तक कैलिफोर्निया में फ्लू से 561 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें से अधिकांश 65 साल से अधिक उम्र के लोगों की थीं। बच्चों में भी स्थिति चिंताजनक है, जहां फ्लू से 10 मौतें हुई हैं, जबकि कोविड-19 से केवल 3 बच्चों की मौतें दर्ज की गई हैं।

असामान्य रूप से खतरनाक फ्लू वायरस
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार दो इन्फ्लूएंजा ए उपभेद – H1N1 और H3N2 – एक साथ फैल रहे हैं, जिससे गंभीर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टरों ने गंभीर मस्तिष्क संक्रमण एक्यूट नेक्रोटाइज़िंग एन्सेफैलोपैथी (ANE) के मामले भी देखे हैं, जिसकी मृत्यु दर लगभग 50% होती है।

अस्पतालों में कोविड-काल जैसे हालात
आईसीयू यूनिट फ्लू से पीड़ित निमोनिया और श्वसन विफलता के मरीजों से भर चुके हैं। डॉक्टरों ने बताया कि फ्लू के कारण एमआरएसए निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं, जो फेफड़ों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

अब भी देर नहीं हुई – टीका लगवाएं!
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी फ्लू का टीका लगवाना फायदेमंद होगा। हालांकि टीका 100% सुरक्षा नहीं देता, लेकिन यह गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को काफी कम कर सकता है।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि फ्लू का प्रकोप अगले 4-6 हफ्तों तक बना रहेगा और वसंत ऋतु में इन्फ्लूएंजा बी के मामलों की एक और लहर आने की संभावना है। ऐसे में सतर्कता, सावधानी और टीकाकरण बेहद जरूरी हो गया है।

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