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Monday, March 24, 2025
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शशि थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच बढ़ता तनाव, राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी असंतोष बरकरार

कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पार्टी नेतृत्व के बीच अनबन की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बावजूद, थरूर को उनकी शिकायतों का कोई ठोस समाधान नहीं मिला। पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर उन्होंने स्पष्टता की मांग की थी, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया, जिससे उनका असंतोष और बढ़ गया।

राहुल गांधी से मुलाकात, पर जवाब नहीं

शशि थरूर ने राहुल गांधी से अपनी पार्टी में भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। हालांकि, राहुल गांधी ने इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे पहले भी, थरूर ने पार्टी नेतृत्व के रवैये को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

थरूर के बयानों से कांग्रेस असहज

थरूर ने कई ऐसे मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं जो कांग्रेस की आधिकारिक नीति से मेल नहीं खाते। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और वहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से हुई मुलाकात की सराहना की थी, जिससे कांग्रेस नेतृत्व नाराज हुआ। इसके अलावा, उन्होंने केरल में एलडीएफ सरकार द्वारा किए गए औद्योगिक विकास की भी प्रशंसा की, जो कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।

ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस से हटाए जाने पर नाराजगी

थरूर को “ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस” के प्रभारी पद से हटा दिया गया, जिसे उन्होंने खुद खड़ा किया था। इस फैसले से वे खासे नाराज हैं और उन्होंने राहुल गांधी से इस पर सफाई भी मांगी, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।

संसद में नेतृत्व की इच्छा, पर कांग्रेस ने किया नजरअंदाज

थरूर ने पार्टी में अपने लिए अधिक सक्रिय भूमिका की इच्छा जताई थी और यहां तक कि संसद में पार्टी का नेतृत्व करने की पेशकश भी की थी। लेकिन राहुल गांधी को नेता चुने जाने के बाद, वे चुप रहे। इसके बावजूद, उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि उन्हें संसद में प्रमुख बहसों से दूर रखा जा रहा है और उचित मौके नहीं दिए जा रहे हैं।

राजनीतिक भविष्य पर सवाल, कोई जवाब नहीं

थरूर यह भी जानना चाहते थे कि क्या पार्टी चाहती है कि वे राज्य की राजनीति पर ध्यान दें, लेकिन राहुल गांधी ने इस पर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कांग्रेस की परंपरा के अनुसार, चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाता, जिससे थरूर की दुविधा और गहरी हो गई।

क्या कांग्रेस में थरूर का भविष्य अधर में?

शशि थरूर लगातार अपनी स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व की चुप्पी उनके लिए चिंता का विषय बनी हुई है। क्या पार्टी में उनकी अनदेखी जारी रहेगी या नेतृत्व उन्हें कोई ठोस भूमिका देगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में थरूर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच खींचतान किस दिशा में जाती है।

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