‘अनारकली’ को कौन नहीं जानता है, अनारकली एक ऐसा किरदार है, जो सदियों तक याद रखा जाएगा। जब भी ‘अनारकली’ की बात होती है, तो सबसे पहले बिना राय का जिक्र किया जाता है। भले ही वह दौर ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म का था, लेकिन उन्होंने अपनी खूबसूरती से एक अलग ही छाप छोड़ दी थी।
हिंदी सिनेमा की खूबसूरत एक्ट्रेस बिना राय फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ से पहले ही ‘अनारकली’ का किरदार निभाकर फेमस हो चुकी थीं। फिल्मी जगत में कई अभिनेत्रियां आईं, जिनकी खूबसूरती के चर्चे चारों ओर होते थे, लेकिन अनारकली यानी बिना राय की बात कुछ अलग ही थी।
बिना राय उर्दू भाषा में बहुत अच्छी थीं। उन्होंने उर्दू लिखना, बोलना और पढ़ना भी सीखा था। इस कारण उन्हें अधिकतर फिल्मों मुगल शहजादी के रोल ऑफर होते थे। उनका जन्म 1931 में लाहौर में एक हिंदू पंजाबी परिवार में हुआ था। बिना राय का असली नाम कृष्णा सरीन था। उन्हें बिना राय नाम मशहूर प्रोड्यूसर किशोर साहू ने दिया था।
1951 में बिना राय ने अपनी पहली फिल्म ‘काली घटा’ की। इस फिल्म के बाद उन्होंने कई बड़ी-बड़ी फिल्में साइन की। उन्हें सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी 1953 में रिलीज हुई फिल्म ‘अनारकली’ से मिली थी। उन्होंने इस फिल्म में अनारकली का रोल प्ले किया था। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई।