Total Users- 675,301

spot_img

Total Users- 675,301

Wednesday, March 26, 2025
spot_img

‘इमरजेंसी’ फिल्म के लिए सर्टिफिकेट पर सीबीएफसी से निपट रहा है ज़ी एंटरटेनमेंट: बॉम्बे हाई कोर्ट में जानकारी दी

कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के सर्टिफिकेट पर ज़ी एंटरटेनमेंट ने बॉम्बे हाई कोर्ट में जानकारी दी। सीबीएफसी से सर्टिफिकेट के मुद्दों को सुलझाने की प्रक्रिया में हैं। जानें पूरी कहानी।


मुंबई: ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” के सह-निर्माता, ने बृहस्पतिवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि वे केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के साथ फिल्म के सर्टिफिकेट के मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं।

फिल्म का रिलीज़ पहले 6 सितंबर को निर्धारित था, लेकिन यह सीबीएफसी के साथ सर्टिफिकेट के मुद्दों में उलझ गई है। सीबीएफसी, जिसे आमतौर पर सेंसर बोर्ड कहा जाता है, ने फिल्म के लिए प्रमाणपत्र जारी करने में असमर्थता व्यक्त की है, जिससे फिल्म की रिलीज़ पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

सीबीएफसी का रुख

पिछले सप्ताह, सीबीएफसी ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि अगर कुछ कटौती की जाती हैं, तो फिल्म को रिलीज़ किया जा सकता है। यह कटौती बोर्ड की समीक्षात्मक समिति द्वारा निर्धारित की गई थी। सेंसर बोर्ड का यह निर्णय दर्शाता है कि फिल्म के कुछ हिस्से उस मानक पर खरे नहीं उतरते हैं, जिसे भारतीय सिनेमा में बनाए रखना आवश्यक है।

सीबीएफसी का कार्य सिनेमा को सामाजिक मानकों और नैतिकता के अनुरूप बनाना है। ऐसे में यह आवश्यक है कि निर्माताओं और सेंसर बोर्ड के बीच एक स्वस्थ संवाद स्थापित किया जाए ताकि फिल्म को उसकी वास्तविकता के साथ प्रस्तुत किया जा सके।

कंगना रनौत की प्रतिक्रिया

कंगना रनौत, जो फिल्म की निर्माता और मुख्य कलाकार हैं, ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बाधाएं भारतीय सिनेमा के विकास में रुकावट डालती हैं। कंगना ने यह भी कहा कि “इमरजेंसी” एक महत्वपूर्ण कहानी है, जो भारतीय इतिहास के एक संवेदनशील दौर को दर्शाती है।

फिल्म की कहानी

“इमरजेंसी” का कथानक 1975 में भारत में लगे आपातकाल पर आधारित है। इस फिल्म में कंगना रनौत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। आपातकाल का यह काल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें लोकतांत्रिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाया गया था।

कंगना का मानना है कि इस फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि वे उस समय के इतिहास को समझ सकें और यह भी जान सकें कि स्वतंत्रता के लिए कितनी लड़ाई लड़ी गई थी।

ज़ी एंटरटेनमेंट का बयान

ज़ी एंटरटेनमेंट ने न्यायालय को सूचित किया कि वे सीबीएफसी के साथ मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हम फिल्म के लिए सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हम सीबीएफसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इसे जल्दी से जल्दी सुलझाया जा सके।”

उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म के वितरण के लिए किए गए सभी प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, कंपनी इस प्रक्रिया में धैर्य रखेगी और सीबीएफसी द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करेगी।

फिल्म का महत्व

“इमरजेंसी” जैसी फिल्में भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह दर्शकों को न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के प्रति जागरूक भी करती हैं।

फिल्म में दर्शाए गए विषय पर चर्चा करना आवश्यक है, ताकि लोग उस समय की स्थिति को समझ सकें और यह भी जान सकें कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

ज़ी एंटरटेनमेंट का “इमरजेंसी” फिल्म के लिए सर्टिफिकेट प्राप्त करने के प्रयासों के साथ-साथ कंगना रनौत का इस विषय पर ध्यान केंद्रित करना यह दर्शाता है कि भारतीय सिनेमा की दुनिया में कई बार संघर्ष और चुनौतियाँ आती हैं।

हालांकि, फिल्म निर्माताओं को अपने काम को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए उचित प्लेटफॉर्म और अवसर की आवश्यकता होती है। ऐसी फिल्में, जो हमारे इतिहास और समाज से संबंधित होती हैं, उन्हें केवल इसलिए रोका नहीं जाना चाहिए क्योंकि वे किसी के विचारों से मेल नहीं खातीं।

आशा है कि ज़ी एंटरटेनमेंट और सीबीएफसी के बीच संवाद सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगा, और “इमरजेंसी” को जल्द ही दर्शकों के सामने पेश किया जा सकेगा

spot_img

More Topics

टीबी के मरीज़ को दवा नियमित लेना अनिवार्य होता है,एक भी दवा मिस करना हो सकता है जानलेवा

टीबी (ट्यूबरक्युलोसिस) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े