कलेक्टर नोटिस में तहसीलदार महोदय को तीन दिनों में जानकारी देने हेतु निर्देशित किया गया है
तहसीलदार कार्यालय को पारदर्शिता के दायरे में लाने के लिए कलेक्टर कार्यालय ने दिया आदेश
गड़बड़ियों पर तत्काल संज्ञान लेकर राजनांदगांव कलेक्टर कार्यालय कर रहा है त्वरित कार्रवाई
पूरब टाइम्स . छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग की लचर कार्यशैली से आम जनता अच्छी तरह से वाकिफ है , खासकर ग्रामीण क्षेत्र की जनता . ज़मीन सम्बंधित कोई भी मामला हो , उसका सरकारी राजस्व विभाग के द्वारा कब निराकरण होगा , यह कोई नहीं बता सकता . लोगों के काम नहीं होने व रिश्वत की शिकायतों को रोकने शासन ने 2011 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू कर हर कार्य के लिए सीमा तय किया था . लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत् राजस्व विभाग के 25 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। . इसमें नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, व्यपवर्तन, ऋण पुस्तिका, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, अपील, पुनरीक्षण, पुनर्विलोकन के मामले, त्रुटि सुधार, राजस्व पुस्तक ,परिपत्र 6-4 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदा से हुए क्षति पर आर्थिक सहायता के प्रकरणों का निर्धारित समय सीमा अंदर निराकरण करना अनिवार्य होता है . तहसील कार्यालयों में आय, जाति, निवास और सीमांकन के लिए मिलने वाले आवेदनों का निराकरण 30 दिनों के भीतर करने नियम है । लेकिन पूरे प्रदेश में सीमांकन के लिए पटवारी चक्कर लगवा रहे , सीमांकन के बाद महीनों तक रिपोर्ट ,प्रार्थी को नहीं दी जाती है . विभाग अविवादित नामांतरण मामले भी नहीं निपटा रहे हैं . तहसीलदार अस्थाई जाति प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र नहीं बना रहे हैं . इसके अलावा शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालना आम बात हो गई है . ऐसे में ही एक शिकायत पर राजनांदगांव कलेक्टर कार्यालय द्वारा एक तहसीलदार को कड़ाई के साथ कार्यवाही करने के निर्देश देने की हर तरफ प्रशंसा हो रही है . यह मामला अन्य जिलों व तहसीलों के लिये उदाहरण बनेगा,इस आशा के साथ पूरब टाइम्स की यह रिपोर्ट .
जन सामान्य की नोटिस कार्यवाही को गंभीरता से ले रहा है राजनांदगांव कलेक्ट्रेट
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कार्यालय कलेक्टर (भू-अभिलेख शाखा) जिला राजनांदगांव का पत्र विषय एक मार्गदर्शक भूमिका वाला आदेश साबित हो रहा है क्योंकि संयुक्त कलेक्टर वास्ते कलेक्टर राजनांदगांव का //ज्ञापन// क्रमांक/276/भू.अ./ स.अ.भू.अ./ 2025 राजनांदगांव दिनांक 02/02/2025 जिसे तहसीलदार तहसील- लाल बहादुर नगर जिला – राजनांदगांव (छ.ग.) को प्रेषित कर निर्देशित किया गया है. उल्लेखनीय है कि यह कलेक्टर निर्देश जन-सामान्य की सूचना-नोटिस पर प्रतिकिया अप्राप्त होने से व्यथित होकर प्रथम स्मरण सूचना नोटिस बाबत् जारी किया गया है गैर तलब रहे कि, कलेक्टर राजनांदगांव कार्यालय ने इस संदर्भ में पूर्व में भी आदेश जारी किया था जो कि कार्यालय कलेक्टर जिला राजनांदगांव का पत्र कमांक 386/डि.कले./ शिका. / 2025 राजनांदगांव दिनांक 24 जनवरी 2025 एवं संलग्न सहपत्र था , जिस पर तहसीलदार ने कोई कार्यवाही नहीं की थी । इसलिए पुनः आदेश जारी कर लेख किया गया है कि विषयान्तर्गत् संदर्भित पत्र एवं सहपत्र का अवलोकन करें। संदर्भित पत्र द्वारा कु.यामिनी मैथिल, अधिवक्ता, सिविल कोर्ट रायपुर एवं अन्य संज्ञानकर्ता द्वारा प्रस्तुत विषयांकित शिकायत पत्र की छायाप्रति संलग्न कर आपकी ओर प्रेषित की जा रही है। अतः आप उक्त शिकायत पत्र में उल्लेखित तथ्यों का परीक्षण करते हुए संदर्भित ज्ञापन के साथ संलग्न पत्र के बिंदू 1 के विधि निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कर संदर्भित बिंदू 2 के संज्ञान नोटिस के सभी बिंदुओं से विषय वस्तु पर प्रतिकिया देकर संलग्न स्मरणसूचना नोटिस के बिंदु कमांक 01 से 15 पर बिंदुवार प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। सुनिश्चित करें। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 03 दिवस के भीतर बिंदुवार जानकारी देना सुनिश्चित करें ।
नोटिसकर्ता अमोल मालुसरे ने तहसीलदार कार्यालय की अव्यवस्था को विधिक चुनौती देने की पहल कर दी है
वर्तमान परिस्थिति में तहसीलदार कार्यालय के अस्तव्यस्त स्थिति से सभी वाक़िफ है विशेषकर वें लोग जो तहसीलदार कार्यालय की गड़बड़ियों का शिकार हुए हैं वे लोग यह जानते है कि तहसीलदार कार्यालय के बाबू और अधिकारी कैसे पूर्व नियोजित गड़बड़ी कर जमीन और संपत्ति विवाद को जन्म देते है । ऐसे ही एक मामले में परेशान पक्षकार थैलेंद्र देवांगन की व्यथा में सहायक समाज सेवक की भूमिका निभाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अमोल मालुसरे ने बताया कि, तहसीलदार कार्यालय के बाबू ने पहले तो आवेदन एवं लिखित परिवाद शिकायत को तहसीलदार न्यायालय की कार्यवाही में नहीं लिया और कपटपूर्ण कार्यवाही कर विधि विरुद्ध