जीएसटी करदाताओं को बड़ी राहत मिली है: अगर वे पूरा टैक्स देते हैं तो ब्याज और जुर्माना माफ कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज व जुर्माना में माफी दी जा रही है। लेकिन इसमें शर्त है कि जीएसटी करदाताओं को 31 मार्च 2025 तक विभाग से मांगे गए टैक्स का पूरा भुगतान करना होगा।
वहीं दूसरी ओर जीएसटी परिषद की ओर से यह भी सिफारिश की गई है कि वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 व 2020-21 के लिए 30 नवंबर 2021 तक किसी भी जीएसटीआर 3बी रिटर्न के माध्यम से सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के तहत दाखिल किसी भी इनवाइस या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा 30 नवंबर 2021 मानी जा सकती है।
विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार, करदाताओं पर निर्भरता कम करने का प्रयास किया गया है। सीजीएसटी अधिनियम की धारा 50 के तहत, इसके तहत रिटर्न दाखिल करने में देरी होने पर उस राशि पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा। इलेक्ट्रानिक कैश लेजर (ECL) पर भी रिटर्न दाखिल करने की निर्धारित तिथि देख सकते हैं।
केंद्रीय जीएसटी ने राज्य में पिछले सात वर्षों में 75 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान किया है। विभाग ने जीएसटी कलेक्शन के साथ-साथ जीएसटी चोरों पर भी कड़ी कार्रवाई की है। जीएसटी भी फर्जी फर्म बनाकर आईटीसी का लाभ लेने वालों के खिलाफ अभियान चलाता है।
प्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल से जून तक 4558 करोड़ रुपये का जीएसटी प्राप्त किया। जबकि वित्तीय वर्ष 2022–2023 में अप्रैल से जून तक 4006 करोड़ रुपये जीएसटी प्राप्त हुए। तीन महीने में ही राजस्व 552 करोड़ रुपये बढ़ा है।