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Tuesday, March 18, 2025
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बिलासपुर: लोफंदी गांव में जहरीली शराब का कहर, 9 की मौत, कांग्रेस जांच समिति करेगी दौरा

बिलासपुर के लोफंदी गांव में जहरीली महुआ शराब पीने से अब तक 9 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इस घटना के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी 6 सदस्यीय जांच समिति गठित कर प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने का फैसला किया है।

कांग्रेस की 6 सदस्यीय जांच समिति करेगी दौरा

इस दर्दनाक घटना की जांच के लिए कांग्रेस पार्टी ने एक टीम गठित की है, जिसका नेतृत्व विधायक दिलीप लेहरिया करेंगे। इस समिति में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, डीसीसी ग्रामीण विजय केशरवानी, पूर्व विधायक बिल्हा सियाराम कौशिक, पूर्व विधायक तखतपुर रश्मि सिंह, और बेलतरा के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र डब्बू साहू शामिल हैं। समिति मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर मौत के कारणों की जांच करेगी।

क्या है पूरा मामला?

घटना कोनी थाना क्षेत्र के लोफंदी गांव की है, जहां जहरीली महुआ शराब पीने से 9 लोगों की मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि शुरुआत में यह सामान्य बीमारी समझी गई और शुरुआती मौतों का अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन जब शुक्रवार की रात एक साथ चार लोगों की मौत हुई, तब यह मामला सामने आया।

फिलहाल 4 ग्रामीणों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका इलाज सिम्स अस्पताल में चल रहा है। इनमें से एक मरीज को रायपुर रेफर किया गया है। प्रशासन इस मामले में फिलहाल जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, जिससे मौत के सही कारणों का खुलासा हो सके।

चुनावी शराब का भी हो सकता है कनेक्शन?

इस मामले में यह भी जांच की जा रही है कि कहीं चुनाव के दौरान बांटी गई शराब तो ग्रामीणों की मौत का कारण नहीं बनी। कांग्रेस की जांच समिति इस पहलू को भी ध्यान में रखकर छानबीन करेगी।

मृतकों की सूची:

  1. देव कुमार पटेल (45 वर्ष)
  2. शत्रुहन देवांगन (40 वर्ष)
  3. कन्हैया लाल पटेल (60 वर्ष)
  4. कोमल प्रसाद लहरे (56 वर्ष)
  5. बलदेव पटेल (52 वर्ष)
  6. कोमल देवांगन उर्फ नानू
  7. रामूराम सुनहले (50 वर्ष)
  8. पवन कश्यप
  9. बुधराम पटेल

फिलहाल इलाजरत मरीज:

  • अंजनी पटेल
  • डोमरा पटेल
  • गोलू देवांगन
  • बबलू पटेल
  • बुटीक पटेल

प्रशासन की चुप्पी, ग्रामीणों में आक्रोश

घटना के बाद प्रशासन की चुप्पी पर ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि समय रहते कार्रवाई की जाती तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। अब सभी की निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कांग्रेस जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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