ब्रेन को मजबूत रखने के लिए हैल्दी लाइफस्टाइल होना बहुत जरूरी है। आपका खानपान और रहन-सहन जैसे होगा ब्रेन पर वैसा ही असर दिखेगा। कुछ जड़ी बूटियां और पौधे भी दिमाग को तंदरुस्त बनाने में बेहद अहम रोल निभाते हैं। रोजमेरी (Rosemary) का खुशबूदार पौधा भी उन्हीं में एक हैं जो सिर्फ एक सुगंधित पौधा ही नहीं बल्कि औषधीय जड़ी-बूटी है जो मेमोरी पावर को तेज करने में बेहद फायदेमंद है।
रोजमेरी एक सुगंधित-औषधीय सदाबहार झाड़ीदार पौधा है जो अपनी सुई जैसी पत्तियों और बैंगनी-नीले से लेकर सफेद रंग के दोहरी होंठों वाले फूलों के लिए जाना जाता है। रोजमेरी के फूलों की खासियत यह है कि ये फूल खाने योग्य होते हैं। कई तरह के व्यंजनों में इसका इस्तेमाल किया जाता है ताकि खाने में अलग तरह की स्वाद और सुगंध आए। रोजमेरी का पौधा गर्म और आर्द्र वातावरण में अच्छे से बढ़ता है। इसे पूरी धूप और अच्छे जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत रहती है। यह पौधा केवल सजावटी नहीं बल्कि स्वास्थ्य, स्वाद और सुगंध के लिहाज से भी बेहद उपयोगी है।
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, रोजमेरी की खुशबू को ही सूंघ ले तो यह दिमागी पावर को बूस्ट कर देते हैं। रोजमेरी को सूंघने मात्र से इंसान की याद्दाश्त में 60% से लेकर 75% तक का सुधार हो सकता है। यह असर रोजमेरी की महक में मौजूद एक रासायनिक तत्व 1,8-Cineole के कारण होता है जो दिमाग के एक ज़रूरी न्यूरोकेमिकल एसिटाइलकोलाइन को धीमी गति से टूटने से रोकता है। यह केमिकल हमारी याददाश्त, एकाग्रता और सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है। सिर्फ रोजमेरी से याद्दाश्त तेज ही नहीं बल्कि इससे अल्जाइमर, एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसी कई मेंटल हैल्थ समस्याएं दूर होती हैं। ब्रेन एकदम फ्रैश महसूस करता है क्योंकि सारे टॉक्सिंस बाहर हो जाते हैं।
रोजमेरी कैसे असर करती है दिमाग पर?
रोजमेरी में मौजूद 1,8-Cineole नामक तत्व दिमाग में मौजूद acetylcholinesterase एंजाइम की क्रिया को रोकता है। यह एंजाइम Acetylcholine नामक न्यूरोट्रांसमीटर को तोड़ता है, जो याददाश्त और सोच की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। जब Acetylcholine अधिक समय तक सक्रिय रहता है तो दिमाग तेज़ी से काम करता है और याद्दाश्त बेहतर होती है।
Acetylcholine क्या है?
Acetylcholine (एसिटाइलकोलाइन) दिमाग का एक ज़रूरी न्यूरोट्रांसमीटर (संदेशवाहक रसायन) है। यह मस्तिष्क और स्नायु तंत्र के बीच संचार को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है। याददाश्त (Memory), ध्यान और एकाग्रता (Focus), सीखने की क्षमता, मांसपेशियों की गतिविधि (Muscle movement) आदि इसके प्रमुख कार्य है। जब रोजमेरी का 1,8-Cineole इस एंजाइम को रोकता है तो Acetylcholine ज्यादा देर तक बना रहता है और ज्यादा असरकारी होता हे जिससे दिमाग की याददाश्त और एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है। यह Alzheimer’s और Dementia जैसे रोगों में भी उपयोगी साबित हो सकता है
आप रोजमर्रा में रोजमेरी को कैसे उपयोग कर सकते हैं?
अरोमा थेरेपी डिफ्यूज़र में रोजमेरी एसेंशियल ऑयल डालें।
स्टडी टेबल पर रोजमेरी का छोटा पौधा रखें।
2-3 मिनट तक रोज सुबह रोजमेरी की महक को गहराई से सूंघें।
इम्तिहान या महत्वपूर्ण काम से पहले इसका उपयोग करें। बहुत से लोग इन फूलों की चाय बनाकर पीते हैं या फिर सिर में रोजमेरी का अरोमा तेल लगाकर हल्की मसाज करते हैं हालांकि कोई भी तेल इस्तेमाल करने से पहले आप एक्सपर्ट की सलाह लेना ना भूलें।
सावधानीः रोजमेरी के तेल को सीधे त्वचा पर न लगाएं, बिना डाइल्यूट किए। गर्भवती महिलाएं, हाई बीपी वाले लोग या मिर्गी के मरीज डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका इस्तेमाल करें।
नोट: रोजमेरी पौधे के तेल को एक्सपर्ट से पूछे बिना खुद से इस्तेमाल ना करें।