मुंह के छाले आम तौर पर हानिरहित होते हैं और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ प्रकार के छाले या मुंह में लगातार बने रहने वाले घाव मुंह के कैंसर का संकेत हो सकते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि कब इन लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए।
सामान्य छाले और कैंसर वाले छाले में अंतर:
सामान्य छाले: ये आमतौर पर छोटे, दर्दनाक होते हैं, और एक या दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। ये तनाव, विटामिन की कमी, चोट या कुछ खाद्य पदार्थों के कारण हो सकते हैं।
कैंसर वाले छाले: ये अक्सर बड़े, गहरे होते हैं और आसानी से ठीक नहीं होते (6 सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं)। ये दर्द रहित भी हो सकते हैं, जिससे लोग इन्हें अनदेखा कर देते हैं। ये मुंह में किसी भी जगह हो सकते हैं, जैसे जीभ पर, गालों के अंदर, मसूड़ों पर, या होंठों पर।
मुंह के कैंसर के लक्षण:
मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण कई बार इतने हल्के होते हैं कि लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण 2-3 सप्ताह से अधिक समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है:
मुंह या होंठ पर ऐसा छाला जो ठीक न हो: यह सबसे आम और महत्वपूर्ण लक्षण है।
मुंह के अंदर या जीभ पर सफेद (ल्यूकोप्लाकिया) या लाल (एरिथ्रोप्लाकिया) धब्बे: ये धब्बे कैंसर पूर्व या कैंसर का संकेत हो सकते हैं। सफेद धब्बे आमतौर पर कम खतरनाक होते हैं, लेकिन लाल धब्बे अक्सर अधिक गंभीर होते हैं।
मुंह के अंदर गांठ, मोटा या खुरदुरा स्थान: गाल, मसूड़ों या होंठों पर कोई भी असामान्य वृद्धि या गांठ।
अस्पष्टीकृत रक्तस्राव: मुंह से बिना किसी चोट या कारण के खून आना।
दांतों का ढीला होना या डेन्चर का ठीक से फिट न होना।
निगलने में कठिनाई या दर्द (डिस्फेजिया)।
लगातार गले में खराश या आवाज में बदलाव (कर्कशता)।
कान में दर्द (विशेषकर एक तरफा)।
चेहरे, मुंह या गर्दन के किसी भी क्षेत्र में अस्पष्टीकृत सुन्नपन या संवेदना का नुकसान।
गर्दन में गांठ या सूजन।
अचानक वजन घटना या भूख कम लगना।
सांसों में दुर्गंध (विशेषकर यदि इसका कोई स्पष्ट कारण न हो)।
मुंह के कैंसर के कारण और जोखिम कारक:
मुंह के कैंसर का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता, लेकिन कई कारक इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं:
तंबाकू का सेवन: धूम्रपान (सिगरेट, बीड़ी, सिगार), तंबाकू चबाना (गुटखा, खैनी, जर्दा) मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है।
शराब का अत्यधिक सेवन: शराब का अधिक सेवन मुंह के कैंसर के जोखिम को काफी बढ़ा देता है, खासकर जब इसे तंबाकू के साथ लिया जाता है।
मानव पैपिलोमा वायरस (HPV): कुछ प्रकार के एचपीवी, विशेष रूप से एचपीवी-16, मुंह और गले के कैंसर से जुड़े होते हैं।
सूर्य का अत्यधिक संपर्क: होंठों पर कैंसर का जोखिम उन लोगों में बढ़ जाता है जो बहुत अधिक धूप में रहते हैं।
खराब आहार: फलों और सब्जियों का कम सेवन और खराब पोषण।
खराब मौखिक स्वच्छता और दंत संबंधी समस्याएं।
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।
आनुवंशिक प्रवृत्ति।
लंबे समय तक रहने वाले मुंह के छाले या चोटें: जो ठीक नहीं होतीं।
बचाव के उपाय:
मुंह के कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय बहुत महत्वपूर्ण हैं:
तंबाकू का सेवन बंद करें: यह मुंह के कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन न करें।
शराब का सेवन सीमित करें या छोड़ दें: शराब के अत्यधिक सेवन से बचें।
संतुलित और पौष्टिक आहार लें: अपने आहार में खूब सारे फल और सब्जियां शामिल करें, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन हों।
अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखें:
दिन में दो बार ब्रश करें और नियमित रूप से फ्लॉस करें।
नियमित रूप से अपने दांतों और मसूड़ों की जांच करें।
यदि आप डेन्चर पहनते हैं, तो उन्हें रात में निकाल दें और ठीक से साफ करें। सुनिश्चित करें कि वे ठीक से फिट हों और जलन पैदा न करें।
नियमित दंत जांच करवाएं: साल में कम से कम एक बार दंत चिकित्सक के पास जाएं। वे शुरुआती लक्षणों का पता लगा सकते हैं।
धूप से बचाव: होंठों को धूप से बचाने के लिए एसपीएफ़ युक्त लिप बाम का उपयोग करें।
एचपीवी टीकाकरण: एचपीवी वैक्सीन कुछ प्रकार के एचपीवी संक्रमण से बचाव में मदद कर सकता है जो मुंह के कैंसर का कारण बन सकते हैं।
किसी भी असामान्य लक्षण को हल्के में न लें: यदि आपको मुंह में कोई भी ऐसा छाला, घाव, धब्बा या गांठ दिखाई दे जो 2-3 सप्ताह से अधिक समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इन सावधानियों का पालन करके आप मुंह के कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं और यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसका जल्दी पता लगाकर प्रभावी उपचार प्राप्त कर सकते हैं।