fbpx

Total Users- 599,974

Total Users- 599,974

Thursday, December 26, 2024

हथियार रखने और प्राप्त करने का लाइसेंस के जानें नियम

आर्म्स एक्ट, १९५९ भारत में हथियारों और गोला-बारूद के अधिग्रहण, स्वामित्व और उपयोग को नियंत्रित करता है। इसकी धारा 3 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो यह स्पष्ट करती है कि कोई व्यक्ति हथियारों या गोला-बारूद को प्राप्त करने और रखने के लिए किन कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेगा। यह कानून जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।

धारा 3(1) यह बताती है कि कोई भी व्यक्ति बिना वैध लाइसेंस के हथियार या गोला-बारूद प्राप्त नहीं कर सकता, न ही अपने पास रख सकता है। यह लाइसेंस आर्म्स एक्ट और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार जारी किया जाता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि हथियारों का गलत या अनधिकृत उपयोग न हो।

उदाहरण: यदि कोई व्यक्ति अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल रखना चाहता है, तो उसे लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा, पुलिस जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा और लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करना होगा। बिना लाइसेंस के पिस्टल तो दूर, एक गोली रखना भी कानून के तहत अपराध माना जाएगा।

अपवाद: विशेष परिस्थितियों में बिना लाइसेंस अनुमति धारा 3(1) के अंतर्गत एक प्रावधान यह कहता है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति बिना लाइसेंस के हथियार या गोला-बारूद ले जा सकता है, बशर्ते कि यह कार्य लाइसेंस धारक की उपस्थिति में या उसकी लिखित अनुमति के साथ किया जाए। यह प्रावधान तब लागू होता है, जब हथियार मरम्मत, लाइसेंस का नवीनीकरण, या वैध उपयोग के लिए ले जाया जा रहा हो।

उदाहरण : यदि किसी व्यक्ति को लाइसेंस धारक के हथियार को मरम्मत के लिए बंदूक निर्माता के पास ले जाना है, तो वह लाइसेंस धारक की लिखित अनुमति के साथ ऐसा कर सकता है। उस व्यक्ति को अलग से लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।

हथियारों की संख्या पर प्रतिबंध धारा 3(2) के तहत, यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति दो से अधिक हथियार अपने पास नहीं रख सकता। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि लोग अत्यधिक मात्रा में हथियार इकट्ठा न करें, क्योंकि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।

उदाहरण : यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से तीन हथियार हैं, तो उसे एक हथियार जमा करना होगा। जमा करने की प्रक्रिया में व्यक्ति को नजदीकी पुलिस स्टेशन , लाइसेंस प्राप्त विक्रेता , या सशस्त्र बलों के मामले में, यूनिट आर्मरी में अतिरिक्त हथियार जमा करना होगा।

विरासत या पारिवारिक धरोहर हथियारों का प्रावधान – धारा 3(2) के दूसरे प्रावधान के तहत, विरासत में मिले या पारिवारिक धरोहर (Heirloom) के रूप में प्राप्त हथियारों के लिए विशेष छूट दी गई है। हालांकि, दो हथियारों की सीमा बरकरार रहती है, लेकिन संबंधित व्यक्ति विरासत में मिले हथियार रखने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है।

उदाहरण : यदि किसी व्यक्ति को उसके माता-पिता से तीन हथियार विरासत में मिलते हैं, तो वह सभी तीन हथियारों के लिए लाइसेंस का आवेदन कर सकता है। लेकिन, आम तौर पर लाइसेंसिंग अथॉरिटी उसे केवल दो हथियार रखने की अनुमति देगी।

More Topics

“समझें सामंतवाद का उत्थान और इसके ऐतिहासिक प्रभाव”

सामंतवाद का उदय भारत में 6वीं से 8वीं शताब्दी...

“जानें हिजरी संवत के ऐतिहासिक महत्व और इसके शुरू होने की तारीख”

हिजरी संवत (हिजरी कैलेंडर) इस्लामिक कैलेंडर है, जो पैगंबर...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े