Total Users- 1,045,492

spot_img

Total Users- 1,045,492

Saturday, July 12, 2025
spot_img

नवरात्रि में सुहागन महिलायें जरूर करें 16 श्रृंगार, बिंदिया से लेकर पायल तक

वैसे तो स्त्रियों को हर तीज-त्योहार पर श्रृंगार करने के लिए कहा जाता है, पर नवरात्रि में इसका खास महत्व है। कहा जाता है कि नवरात्रि के पावन मौके पर देवी दुर्गा की आराधना साथ- साथ घर की महिलाओं को सोलह श्रृंगार भी करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सोलह श्रृंगार सिर्फ खूबसूरती ही नहीं महिलाओं के भाग्य को भी बढ़ाता है, यह नारीत्व, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

नवरात्रि में 16 श्रृंगार का महत्व
16 श्रृंगार करने से देवी मां की कृपा बनी रहती है। यह सुहागन महिलाओं के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। श्रृंगार से महिलाओं में आत्मविश्वास आता है और वे अधिक सकारात्मक महसूस करती हैं।देवी-आराधना में सुहागिन स्त्रियों का पूर्ण श्रृंगार करना शुभ माना गया है।यह तन और मन को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

16 श्रृंगार में क्या-क्या आता है?
लाल जोड़ा-नवरात्रि में माता का आर्शीवाद पाने के लिए आप लाल रंग के कपड़े पहनें। इसे सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। भूलकर भी इन दिनों काले रंग के वस्त्र ना पहनें।

बिंदी-माथे पर बिंदी लगाने से चंद्र ऊर्जा का संतुलन बना रहता है और यह सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
सिंदूर-विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर सबसे महत्वपूर्ण है, जो अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का प्रतीक होता है।
मंगलसूत्र– यह पति-पत्नी के अटूट प्रेम और बंधन का प्रतीक है।
काजल– आंखों में काजल लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है और आंखें सुंदर दिखती हैं।

नथ (नाक की बाली)-यह सुंदरता का प्रतीक है और इसे नारीत्व की निशानी माना जाता है।
कान के झुमके या बाली– यह चेहरे की शोभा बढ़ाता है और महिलाओं के श्रृंगार का एक अहम हिस्सा है।

गहने-सोने या चांदी के गहने पहनना शुभ माना जाता है, यह धन और ऐश्वर्य का प्रतीक होता है।
चूड़ियां– कांच या सोने की चूड़ियां पहनना सुहाग का प्रतीक होता है और यह नारीत्व की निशानी है।
बाजूबंद– इसे बांह पर पहना जाता है और यह राजसी श्रृंगार का हिस्सा होता है।
मेहंदी- हाथों में मेहंदी लगाने से सौभाग्य और खुशहाली आती है।
मांग टीका – माथे के बीचों-बीच पहने जाने वाला मांग टीका हर लड़की की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।
कमरबंद-यह शरीर को सुडौल दिखाने के साथ-साथ महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लगाता है।
पायल– यह नारीत्व और सौंदर्य का प्रतीक मानी जाती है, इसे पहनने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

बिछिया (पैर की अंगुली में पहनी जाने वाली अंगूठी)
विवाहित महिलाओं के लिए इसे पहनना शुभ माना जाता है।
गजरा (फूलों का हार)-यह सुंदरता और खुशबू का प्रतीक है और इसे पहनने से मन प्रसन्न रहता है।

spot_img

More Topics

मोहन भागवत ने क्यों और किसको कहा- 75 साल का मतलब रिटायर हो जाना चाहिए !

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की एक टिप्पणी की...

लखपति दीदी को किया गया सम्मानित

रमोतिन ने स्वयं ट्रैक्टर चलाना सीखा और बनी सक्षम...

इसे भी पढ़े