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Monday, April 28, 2025
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घर जोड़ने से पैसा जोड़ने तक ‘घर की लक्ष्‍मी’, पुरुषों से भी आगे निकली महिलाएं

देश में 39.2 प्रतिशत बैंक खाते महिलाओं के पास हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 42.2 प्रतिशत है। एक सरकारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने रविवार को “भारत में महिला और पुरुष 2024: चयनित संकेतक और आंकड़े” शीर्षक से अपने प्रकाशन का 26वां संस्करण जारी किया। यह प्रकाशन भारत में लैंगिक परिदृश्य का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करता है, जिसमें जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक भागीदारी और निर्णय लेने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में चयनित संकेतक और आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।

डीमैट खातों में भी हुई वृद्धि
ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों से प्राप्त किए गए हैं। मंत्रालय के बयान के मुताबिक,महिलाओं के पास सभी बैंक खातों का 39.2 प्रतिशत हिस्सा है जबकि कुल जमा में उनका योगदान 39.7 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी भागीदारी सबसे अधिक है, जहां कुल बैंक खातों में उनका हिस्सा 42.2 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में डीमैट खातों में वृद्धि होना शेयर बाजार में लोगों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। 31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या चार गुना से अधिक होकर 3.32 करोड़ से बढ़कर 14.30 करोड़ हो गई है। पुरुष डीमैट खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई है।

मतदाता करने में भी महिलाएं आगे
पुरुष खातों की संख्या 2021 के 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला खातों की संख्या 66.7 लाख से बढ़कर 2.77 करोड़ हो गई। वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की अगुवाई वाले प्रतिष्ठानों का प्रतिशत बढ़ता हुआ देखा गया है। महिला मतदाता पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल मतदाताओं की संख्या 1952 के 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई।

स्टार्टअप चलाने में भी महिलाओं का ज्यादा योगदान
वर्षों से मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भिन्नता रही है। यह 2019 में 67.2 प्रतिशत तक पहुंच गई, लेकिन 2024 में थोड़ी गिरावट के साथ 65.8 प्रतिशत रह गई। 2024 में मतदान करने वाली महिलाएं, पुरुषों से आगे निकल गईं। पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसी स्टार्टअप फर्मों की संख्या बढ़ी है, जिसमें कम से कम एक महिला निदेशक है। यह महिला उद्यमिता में सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई।

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