देश भर में कई धार्मिक स्थल हैं, जहां से अनेकों मान्यताएं निकल कर सामने आती हैं. ठीक इसी प्रकार छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भी देवी मां का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जहां सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है. मंदिर से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं भी लोगों द्वारा बताई जाती हैं.
माँ मड़वारानी मंदिर, छत्तीसगढ ऱाज्य के कोरबा जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिर है एवं यहाँ के मूल निवासियों के द्वारा माँ मड़वारानी की आराधना की जाती है और उनके श्रद्धा एवं आस्था का प्रतीक हैं और यह माना जाता है की माँ मड़वारानी स्वयं प्रकट होकर आस-पास के गावों की रक्षा करती हैं | माँ मड़वारानी मंदिर, मड़वारानी पहाड़ की चोटी पर कलमी पेड़ के नीचे स्थित है |
माँ मड़वारानी मंदिर पहाड़ की चोटी पर स्थित है | माँ मड़वारानी मंदिर घने पर्वत में फूलों एवं फलदार वृक्षों से अच्छादित हैं और आयुर्वेदिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं | पहाड़ में पशु पक्षियों जैसे भालू, बंदर आदि को विचरण करते देखा जा सकता है |
माँ मड़वारानी की कहानी
माँ मड़वारानी की कहानी की ऐतिहासिक है और ऐसा बुजुर्गों द्वारा आँखों देखी मानी जाती है | ऐसा माना जाता है क़ि माँ मड़वारानी अपने शादी के मंडप (मड़वा) को छोड़ कर आ गयी थी | इसी दौरान बरपाली-मड़वारानी रोड में उनके शरीर से हल्दी एक बड़े पत्थर पर गिरी और वह पत्थर पीला हो गया | माँ मड़वारानी के मंडप से आने के कारण गाँव और पर्वत को मड़वारानी के नाम से जाना जाने लगा | दूसरी प्रसिद्ध कहानी यह है कि माँ मड़वारानी भगवान शिव से कनकी मे मिली एवं मड़वारानी पर्वत पर आई | माँ मड़वारानी संस्कृत में “मांडवी देवी” के नाम से जानी जाती है | यह माना जाता है क़ि कुछ ग्राम वासियों द्वारा देखा गया कि कलमी वृक्ष एवं उसके पत्तियों में हर नवरात्रि को जवा उग जाता है और एक सर्प उसके आस पास विचरण करता है और आज भी कभी-कभी दिखाई पड़ता है |
मां मड़वारानी के दरबार मे एक अनोखी परंपरा है. चैत्र और शारदीय नवरात्रों में माता का विधि विधान से पूजन किया था है. इस मंदिर में कुवार नवरात्रि की पंचमी को प्रथम दिन मान कर नवरात्रि की शुरुआत की जाती है. चैत्र नवरात्र में यहां तय तिथि वर्ष प्रतिपदा से ही नवरात्रि मनाई जाती है
मां मड़वा रानी कैसे पहुंचे
मां मड़वा रानी कोरबा के करतला ब्लॉक के अंतर्गत आता हैं. यह स्थान जिला मुख्यालय कोरबा से 20 किलोमीटर और जांजगीर-चांपा जिले के चांपा से लगभग 15 किलोमीटर दूर कोरबा चांपा मुख्य मार्ग पर है. यहां सड़क और रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है. मां मड़वारानी की पूजा अरसे से जारी है, लेकिन अनुमान नहीं लगाया जा सका है कि यह सिलसिला चलते हुए कितने साल हो चुके हैं.