मल्हार, बिलासपुर – छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर स्थल
परिचय:
मल्हार, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है। यह स्थान छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है, जहाँ विभिन्न कालों की मूर्तियाँ, मंदिरों के अवशेष और अन्य पुरातत्व सामग्री प्राप्त हुई हैं।
इतिहास और महत्व:
- मल्हार को छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी माना जाता है, जहाँ कई महत्वपूर्ण राजवंशों का शासन रहा।
- यहाँ से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से बारहवीं शताब्दी ईस्वी के अवशेष मिले हैं, जो इसे एक ऐतिहासिक नगर के रूप में स्थापित करते हैं।
- मल्हार में शरभेश्वर शिव मंदिर, पटलेश्वर मंदिर, और देउर मंदिर जैसे प्राचीन मंदिर स्थित हैं।
- यहाँ खुदाई के दौरान शिव, विष्णु, गणेश, देवी दुर्गा और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ मिली हैं, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध मूर्तिकला परंपरा को दर्शाती हैं।
मुख्य आकर्षण:
- शरभेश्वर मंदिर – यह शिव मंदिर अद्भुत स्थापत्य शैली का उदाहरण है।
- पटलेश्वर मंदिर – यहाँ शिवलिंग और अन्य हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं।
- देउर मंदिर – यह मंदिर दुर्लभ मूर्तियों और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
- पुरातात्विक संग्रहालय – यहाँ खुदाई से प्राप्त मूर्तियाँ, प्राचीन सिक्के, शिलालेख और अन्य पुरावशेष संरक्षित हैं।
- जैन मूर्तियाँ – यहाँ से भगवान पार्श्वनाथ और अन्य तीर्थंकरों की प्राचीन मूर्तियाँ भी मिली हैं।
महत्वपूर्ण खोजें:
- मल्हार से बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों से संबंधित अवशेष मिले हैं, जो इसे एक बहुधार्मिक ऐतिहासिक स्थल बनाते हैं।
- यहाँ से मिले तांबे और पत्थर के शिलालेख तत्कालीन समाज, प्रशासन और संस्कृति की जानकारी देते हैं।
- पुरातत्वविदों के अनुसार, मल्हार दक्षिण कोसल राज्य का एक महत्वपूर्ण नगर था।
कैसे पहुँचें?
- मल्हार बिलासपुर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है।
- यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और बस या टैक्सी के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
निष्कर्ष:
मल्हार छत्तीसगढ़ की पुरातात्विक धरोहर का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह स्थल इतिहास प्रेमियों, पुरातत्वविदों और धार्मिक पर्यटकों के लिए एक अद्भुत स्थान है। यदि आप छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास और समृद्ध संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं, तो मल्हार ज़रूर जाएँ! 😊