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Tuesday, March 18, 2025
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चार धाम यात्रा, कब खुलेंगे कपाट और कब शुरू होगी तीर्थयात्रा

चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है, जिसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम शामिल हैं। यह यात्रा न केवल भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि पवित्र गंगा और हिमालय की दिव्यता से उन्हें एक अद्भुत अनुभव भी देती है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र तीर्थ यात्रा पर जाते हैं।

चार धाम यात्रा 2025 की तिथि

2025 में चार धाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भक्तों के लिए खोले जाएंगे। इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। यह पवित्र यात्रा लगभग 6 महीने तक चलेगी, जिसके दौरान श्रद्धालु मोक्ष और शांति की अनुभूति कर सकते हैं।

चार धाम यात्रा का मार्ग और धार्मिक महत्व

चार धाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से होती है, जो माता यमुना को समर्पित है। यहां के गर्म जलकुंड में स्नान करना शुभ माना जाता है। इसके बाद तीर्थयात्री गंगोत्री धाम पहुंचते हैं, जहां से पवित्र गंगा नदी का उद्गम होता है। यह स्थान श्रद्धालुओं को आत्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है।

तीसरा पड़ाव केदारनाथ धाम होता है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और प्राकृतिक सौंदर्य हर यात्री को मोहित कर देता है।

अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ धाम होता है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह स्थान मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना जाता है और श्रद्धालुओं को जीवन में आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है।

चार धाम यात्रा का आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य

चार धाम यात्रा के दौरान भक्तों को हिमालय की बर्फीली चोटियों, शांत नदी धाराओं और हरी-भरी वादियों का दिव्य अनुभव मिलता है। यह यात्रा केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

यात्रा की तैयारी और आवश्यक जानकारी

  1. स्वास्थ्य जांच: ऊँचाई पर स्थित धामों की यात्रा कठिन हो सकती है, इसलिए स्वास्थ्य परीक्षण करवाना आवश्यक है।
  2. पूर्व बुकिंग: तीर्थ यात्रियों को होटल, भोजन और परिवहन की अग्रिम बुकिंग करने की सलाह दी जाती है।
  3. यात्रा परमिट: उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी यात्रा पंजीकरण आवश्यक है।
  4. उचित वस्त्र और उपकरण: ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए गर्म कपड़े, ट्रेकिंग शूज और आवश्यक दवाइयाँ साथ रखना अनिवार्य है।

निष्कर्ष

चार धाम यात्रा 2025 केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक जागरूकता और आध्यात्मिक उन्नति की यात्रा है। श्रद्धालुओं को यह यात्रा उनके जीवन में एक नई ऊर्जा और शांति का अनुभव कराएगी। यदि आप भी इस पवित्र यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो अभी से अपनी तैयारी शुरू करें और दिव्यता के इस अद्भुत अनुभव का लाभ उठाएं।

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