वाराणसी, जिसे काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है, न केवल भारत की बल्कि पूरी दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी मानी जाती है। यह नगर अपने प्राचीन मंदिरों, पवित्र गंगा नदी, दिव्य आरती और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन और गंगा स्नान के लिए आते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर: शिव की नगरी का हृदय
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। हाल ही में बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने इस मंदिर को और भव्य बना दिया है, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल रही हैं।
गंगा आरती: एक अलौकिक अनुभव
हर शाम दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करती है, जो आत्मा तक को शांति देता है। मंत्रों की गूंज, दीपों की लौ और भक्तों की श्रद्धा इसे और दिव्य बना देती है।
आगे पढ़ेसंस्कृति और विरासत का संगम
काशी को विद्या, कला और संगीत की नगरी भी कहा जाता है। संत कबीर, तुलसीदास और रविदास जैसे महान संतों ने यहाँ अपने उपदेश दिए। बनारसी साड़ी और स्थानीय व्यंजन भी काशी की पहचान हैं।
काशी केवल एक शहर नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का प्रतीक है। यह वह स्थान है जहाँ मोक्ष की कामना की जाती है और आत्मा को शांति मिलती है। यही कारण है कि इसे ‘मुक्ति भूमि’ भी कहा जाता है।
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