स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) 2 अक्टूबर 2014 को भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। यह अभियान महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर शुरू किया गया था, क्योंकि गांधी जी ने स्वच्छता और साफ-सफाई को समाज सुधार का महत्वपूर्ण हिस्सा माना था। इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश में स्वच्छता को बढ़ावा देना और गंदगी और अपशिष्ट पदार्थों से मुक्ति पाना है।
अभियान के प्रमुख उद्देश्य:
- स्वच्छता को बढ़ावा देना: भारतीय नागरिकों को स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूक करना।
- स्वच्छ शहरी और ग्रामीण वातावरण: पूरे देश में कचरे का निपटान, गंदगी की सफाई और स्वच्छता का स्तर सुधारना।
- सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण: खुले में शौच को समाप्त करना और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- स्वच्छता के प्रति सामाजिक जागरूकता: लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाना और उन्हें अपनी आदतों में सुधार लाने के लिए प्रेरित करना।
अभियान की विशेषताएँ:
- लोगों की भागीदारी: इसमें सरकारी अधिकारियों, निजी क्षेत्र और नागरिकों को मिलाकर एक व्यापक प्रयास किया गया।
- स्मार्ट सिटी परियोजना: शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहरों में सुधार।
- ग्रामीण स्वच्छता: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियानों के माध्यम से हर घर में शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करना।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई योजनाएँ और गतिविधियाँ चलाई गई हैं, जैसे कि “स्वच्छ भारत मिशन” और “ओपन डिफेक्शन फ्री” (ODF) पहल, जिससे भारत के कई क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। इस अभियान को भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भी समर्थन मिला है।