भारत की स्थापना को लेकर अक्सर 15 अगस्त 1947 का जिक्र होता है, जब भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। हालाँकि, भारत का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है, और उसकी राजनीतिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक संरचना की स्थापना हजारों वर्षों से होती आई है। यहाँ भारत की स्थापना और विकास के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है:
प्राचीन भारत:
भारत की स्थापना की जड़ें उसके प्राचीन इतिहास में निहित हैं।
- सिंधु घाटी सभ्यता (3300 ईसा पूर्व – 1300 ईसा पूर्व):
- यह भारतीय उपमहाद्वीप की पहली प्रमुख सभ्यता थी और दुनिया की सबसे पुरानी शहरी सभ्यताओं में से एक मानी जाती है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ मोहनजोदड़ो और हड़प्पा जैसे शहर थे, जिनमें उन्नत नगर योजना, जल निकासी व्यवस्था और कारीगरी के प्रमाण मिलते हैं।
- यह सभ्यता भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक और सामाजिक नींव का हिस्सा मानी जाती है।
- वैदिक युग (1500 ईसा पूर्व – 500 ईसा पूर्व):
- सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के बाद वैदिक युग की शुरुआत हुई, जिसमें वैदिक ग्रंथ जैसे कि ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद रचे गए। इन ग्रंथों में सामाजिक, धार्मिक, और दार्शनिक विचारों का समावेश हुआ, जिन्होंने भारतीय समाज को आकार दिया।
- इस युग में जाति व्यवस्था की नींव रखी गई और विभिन्न राज्यों और जनपदों का उदय हुआ।
- महाजनपद काल (600 ईसा पूर्व – 321 ईसा पूर्व):
- इस काल में भारत में 16 महाजनपदों का गठन हुआ, जो स्वतंत्र राज्य थे। इनमें मगध, कौशल, वत्स, और अवंति प्रमुख थे। यह काल राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों का युग था, जिसमें राज्यों के बीच संघर्ष और विस्तार की प्रवृत्ति देखी गई।
- इसी समय बुद्ध और महावीर के धर्मों का उदय हुआ, जिन्होंने भारतीय समाज में धार्मिक और सामाजिक सुधार लाए।
- मौर्य साम्राज्य (321 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व):
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी। इस साम्राज्य के अंतर्गत भारत का बड़ा हिस्सा एकीकृत हुआ।
- अशोक महान, मौर्य वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक, ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसे फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका शासनकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है, विशेषकर उनके धर्म नीति और प्रशासनिक सुधारों के कारण।
मध्यकालीन भारत:
मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद भारत में विभिन्न साम्राज्यों और राज्यों का उदय हुआ, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण थे:
- गुप्त साम्राज्य (320 ईस्वी – 550 ईस्वी):
- गुप्त साम्राज्य को “भारत का स्वर्ण युग” कहा जाता है। इस काल में कला, विज्ञान, गणित, और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।
- आर्यभट्ट और कालिदास जैसे महान विद्वान इसी काल में हुए थे। यह एक ऐसा समय था जब भारतीय सभ्यता का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव बढ़ा।
- दिल्ली सल्तनत (1206 – 1526):
- दिल्ली सल्तनत का गठन 1206 में हुआ था, जब कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना की। इसके बाद खिलजी, तुगलक, सैय्यद और लोदी वंश आए।
- सल्तनत काल के दौरान इस्लाम का प्रभाव भारतीय समाज और संस्कृति पर पड़ा। वास्तुकला के क्षेत्र में कुतुब मीनार और अलाई दरवाज़ा जैसे निर्माण हुए।
- मुगल साम्राज्य (1526 – 1857):
- मुगल साम्राज्य की स्थापना बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहीम लोदी को हराकर की। इसके बाद अकबर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब जैसे शासकों के नेतृत्व में मुगल साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से पर शासन किया।
- मुगलों के समय में भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि बढ़ी। ताजमहल और लाल किला जैसे स्मारक मुगल वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण हैं।
औपनिवेशिक भारत:
भारत में औपनिवेशिक शासन की शुरुआत 17वीं शताब्दी में हुई, जब यूरोपीय शक्तियों ने यहाँ व्यापार के लिए आना शुरू किया।
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (1757 – 1857):
- 1757 में प्लासी की लड़ाई में अंग्रेजों ने बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला को हराया, जिससे भारत में अंग्रेजों के राजनीतिक और सैन्य प्रभुत्व की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया।
- कंपनी शासन के दौरान भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए, विशेषकर कर व्यवस्था, शिक्षा, और प्रशासन के क्षेत्र में।
- ब्रिटिश शासन (1858 – 1947):
- 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत का शासन सीधे ब्रिटिश सरकार के हाथों में चला गया। ब्रिटिश सरकार ने भारत को अपने साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया।
- इस दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई, जिसमें महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत की स्वतंत्रता (1947):
- 15 अगस्त 1947:
- भारत ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। यह दिन भारतीय इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसी दिन भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र बना।
- भारत का विभाजन भी इसी समय हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान का निर्माण हुआ। इस विभाजन के कारण व्यापक हिंसा और जनसंख्या स्थानांतरण हुआ।
- भारतीय संविधान का लागू होना (26 जनवरी 1950):
- 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, जिससे भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना। भारतीय संविधान दुनिया के सबसे विस्तृत और सशक्त संविधानों में से एक है।
- डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान का मुख्य शिल्पकार माना जाता है।
निष्कर्ष:
भारत की स्थापना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है, जो हजारों वर्षों से जारी है। भारत की आधुनिक राजनीतिक स्थापना 15 अगस्त 1947 को हुई, जब उसने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। हालाँकि, भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विकास प्राचीन काल से शुरू हुआ था, जिसमें सिंधु घाटी सभ्यता, मौर्य और गुप्त साम्राज्य, दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य जैसे विभिन्न चरण शामिल हैं। भारत का समृद्ध इतिहास, उसकी विविध संस्कृति, और सभ्यता के विकास का एक अद्भुत उदाहरण है।