1857 का विद्रोह, जिसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला युद्ध भी कहा जाता है, की शुरुआत भारतीय सैनिकों, विशेष रूप से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल भारतीय सिपाहियों द्वारा की गई थी। हालांकि, इसे एक व्यापक जन आंदोलन माना जाता है जिसमें विभिन्न जातियों, वर्गों, और समुदायों के लोग शामिल हुए थे।
इस विद्रोह की शुरुआत 10 मई 1857 को मेरठ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के सिपाहियों के विद्रोह से हुई थी। प्रमुख नेता इस विद्रोह के दौरान माने जाते हैं:
- मंगल पांडे – यह विद्रोह का पहला प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। इन्हें 1857 के विद्रोह का आरंभकर्ता कहा जाता है, क्योंकि इन्होंने 29 मार्च 1857 को ब्रिटिश अफसरों के खिलाफ विद्रोह किया था।
- बेगम हजरत महल – अवध की शाही परिवार की सदस्य, जिन्होंने लखनऊ में ब्रिटिश राज के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया।
- रानी लक्ष्मीबाई – झाँसी की रानी, जिन्होंने झाँसी के किले का बचाव किया और ब्रिटिश सेना से संघर्ष किया।
- नाना साहब – नाना साहब पेशवा के नेतृत्व में मराठा क्षेत्र में ब्रिटिशों के खिलाफ विद्रोह हुआ।
इस विद्रोह के दौरान भारतीयों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सामूहिक रूप से संघर्ष किया, हालांकि यह विद्रोह ब्रिटिशों द्वारा दबा दिया गया था। 1857 के विद्रोह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और बाद में स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों को प्रेरित किया।