मणिपुर के चुराचांदपुर में मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स की संयुक्त कार्रवाई में हथियार और विस्फोटक बरामद हुए। जानिए इस बड़े ऑपरेशन की पूरी जानकारी और हाल के घटनाक्रम।
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा किए गए एक सफल ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं। शुक्रवार को खेंगमोल हिल क्षेत्र में की गई इस कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने अवैध रूप से छिपाए गए कई खतरनाक हथियारों को जब्त किया, जिनमें एक टीयर गैस गन, 9 मिमी पिस्तौल, 12 बोर बंदूकें और अन्य हथियार शामिल थे। यह अभियान राज्य में बढ़ती हिंसा और सुरक्षा खतरों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
संयुक्त अभियान की प्रमुख जानकारी
इस ऑपरेशन में पुलिस और असम राइफल्स की टीम ने मिलकर खेंगमोल हिल क्षेत्र में एक तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने एक टीयर गैस गन, एक देशी 9 मिमी पिस्तौल जिसमें मैगजीन भी थी, पाँच 12 बोर सिंगल बैरल गन, और कई अन्य घातक हथियार बरामद किए। इसके साथ ही टीम ने 13 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार शेल और पाँच भारी मोर्टार भी जब्त किए, जो बेहद खतरनाक होते हैं और गंभीर तबाही मचाने की क्षमता रखते हैं।
यह अभियान मणिपुर में चल रही अशांति और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों का हिस्सा है। इससे न केवल क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में कदम बढ़ाया गया है, बल्कि आतंकवादी गतिविधियों को भी बड़ा झटका दिया गया है।
चुराचांदपुर की सुरक्षा चुनौतियाँ
मणिपुर का चुराचांदपुर जिला लंबे समय से उग्रवाद और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी का केंद्र रहा है। इस क्षेत्र में कई उग्रवादी समूह सक्रिय हैं, जो देश की सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए असम राइफल्स और पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
चुराचांदपुर की दुर्गम पहाड़ियों और जंगली क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना आसान होता है। यही वजह है कि यहाँ के सुरक्षा बलों को विशेष सतर्कता बरतनी पड़ती है। यह क्षेत्र अक्सर अवैध हथियारों की तस्करी और मादक पदार्थों की खेती के लिए जाना जाता है।
पिछले सप्ताह की कार्रवाई: नर्सरी पोपी पौधों का विनाश
सिर्फ हथियारों की बरामदगी ही नहीं, बल्कि हाल ही में मणिपुर पुलिस ने तमेंगलोंग जिले में भी एक बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने कुइलोंग गांव के प्राधिकरण के सदस्यों के साथ मिलकर पाँच एकड़ जमीन पर फैलाए गए अवैध नर्सरी पोपी पौधों को नष्ट कर दिया। माना जा रहा है कि इन पौधों की खेती अज्ञात व्यक्तियों द्वारा की गई थी। पोपी के पौधों का उपयोग अवैध मादक पदार्थों के निर्माण के लिए किया जाता है, जो क्षेत्र में ड्रग तस्करी को बढ़ावा दे रहा था।
यह कार्रवाई राज्य में मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे ‘वॉर ऑन ड्रग्स’ अभियान का हिस्सा है। मणिपुर में अवैध मादक पदार्थों की खेती और तस्करी ने कई बार स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर समस्याएँ पैदा की हैं। राज्य सरकार और स्थानीय प्राधिकरण इसे समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
सुरक्षा बलों की निरंतर सतर्कता
इस प्रकार की संयुक्त कार्रवाई से यह साफ हो जाता है कि मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स के जवान क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। सुरक्षा बलों द्वारा की गई यह कार्रवाई इस बात का सबूत है कि वे राज्य में उग्रवादियों और तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहे हैं।
सुरक्षा बलों ने यह भी कहा है कि इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी ताकि राज्य में अवैध गतिविधियों पर पूर्ण रूप से लगाम लगाई जा सके। पुलिस और असम राइफल्स की टीम राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी तलाशी अभियान चलाकर अवैध हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी करने की योजना बना रही है।
चुराचांदपुर की वर्तमान स्थिति
चुराचांदपुर में इस समय स्थिति सामान्य बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा बलों ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। हालिया हिंसा की घटनाओं और हथियारों की बढ़ती बरामदगी के बीच, सुरक्षा बल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उग्रवादियों को राज्य में और अधिक नुकसान पहुंचाने का मौका न मिले।
स्थानीय लोग भी पुलिस और असम राइफल्स की इन कार्रवाइयों का समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार की कार्रवाई की जरूरत महसूस की जा रही है, जहाँ गैरकानूनी गतिविधियाँ हो रही हैं।
मणिपुर में अशांति और उग्रवाद को रोकने के लिए पुलिस और असम राइफल्स द्वारा की गई यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है। खेंगमोल हिल में हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी और तमेंगलोंग जिले में पोपी पौधों की खेती को नष्ट करना राज्य में शांति और स्थिरता के प्रयासों की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
सुरक्षा बलों की सतर्कता और मजबूत अभियान से यह उम्मीद की जा रही है कि मणिपुर में जल्द ही शांति और सुरक्षा बहाल होगी। जनता का सहयोग और जागरूकता भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब देखना होगा कि राज्य सरकार और सुरक्षा बल किस तरह से इन चुनौतियों से निपटते हैं और मणिपुर को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण राज्य बनाने के अपने प्रयासों में कितनी सफलता हासिल करते हैं।