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क्या कमला हैरिस को अमेरिका का पदभार सौंपेगा? देश इतिहास रचने के लिए खड़ा है

न्यूयॉर्क में दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका, जो लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाता है, क्या इस बार भारत की तरह व्यवहार करेगा? क्या एक महिला देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद संभाल सकेगी?

क्या कमला हैरिस, एक भारतीय-अफ्रीकी मूल की महिला, अमेरिका में पदस्थ होगी? यह देश इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है, इसलिए ये प्रश्न उठ रहे हैं। डेमोक्रेट्स ने बाइडेन के खुद ही चुनावी समर से हटने के बाद कमला हैरिस को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यदि इस देश की इच्छा होगी, तो अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में इस बार कुछ ऐसा होगा जो पहले कभी नहीं हुआ था।

अब अमेरिका की राष्ट्रपति पद की दौड़ में पहली महिला उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी शामिल हो गई हैं।

वह पहली भारतीय-अफ्रीकी महिला राष्ट्रपति चुनाव में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पीछे हटने के बाद कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया गया। 20 जनवरी 2021 को अमरीका की पहली उपराष्ट्रपति कमला हैरिस बनी। उससे पहले कोई भी महिला इस पद पर नहीं थी। 2016 में डोनाल्ड ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को चुनौती दी थी। लेकिन उन्हें हार मिली।

कमला का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को कैलिफोर्निया में जमैकन और भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। कमला हैरिस के पिता डोनाल्ड जैस्पर हैरिस का नाता जमैका से था, और उनकी मां श्यामा गोपालन भारतीय थीं। कमला हैरिस का बचपन अच्छा नहीं था। वह सात साल की थी जब उनके माता-पिता छुट्टी पर चले गए। कमला और उनकी बहन की देखभाल उनकी मां श्यामला गोपालन ने ही की। उन्हें अपनी मां का जीवन बहुत कुछ सिखाया। वह बचपन में अपनी मां के साथ एक हिंदू मंदिर में जाती थीं। इस दौरान वे भारत भी आते जाते रहे।

उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. कमला हैरिस ने साल 2014 में वकील डगलस एम्पहॉफ से शादी की. उनके पति यहूदी हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के 235 वर्ष के इतिहास में कमला हैरिस को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन क्या महिला सशक्तिकरण की मुनादी करने वाला देश वो कर दिखाएगा जिसे भारत दशकों पहले साबित कर चुका है?

भारत की बात करें तो इंदिरा गांधी देश की प्रथम प्रधानमंत्री रहीं. एक बार नहीं तीन बार 1966 से 1977 तक फिर 1980 से 84 तक यानि देश की आजादी के डेढ़ दशक बाद ही महिला सशक्तिकरण का अद्भूत उदाहरण भारत ने पेश किया. वहीं राष्ट्रपति के पद पर भी दो महिलाओं को इस देश ने चुना. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, 2007 से 2012 तक तो वर्तमान में द्रौपदी मुर्मू सर्वोच्च संवैधानिक पद पर 2022 से आसीन हैं.

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