मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट (South Korea) पर 29 दिसंबर को हुई फ्लाइट क्रैश ने पूरी दुनिया को शोक में डुबो दिया है। यह हादसा अक्तौ एयरपोर्ट (Kazakhstan) पर 25 दिसंबर को हुए विमान क्रैश के चार दिन बाद हुआ। मुआन एयरपोर्ट पर जेजू एयर के बोइंग 737-800 विमान में 181 लोग सवार थे, जिनमें 175 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स थे। दुर्घटना के समय विमान लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसलने के बाद तेज धमाके के साथ आग में तब्दील हो गया। इस हादसे में 179 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल 2 लोग जीवित बच पाए।
विमान में सवार यात्री मुख्य रूप से साउथ कोरिया के थे, जिनमें 173 कोरियाई और 2 थाई नागरिक थे। रिपोर्टों के अनुसार, यह हादसा पक्षी के टकराने से हुआ, जिसके कारण विमान के लैंडिंग गियर में खराबी आई और वह फट गया। इसके बाद विमान का रफ्तार कम नहीं हो पाया और वह रनवे के आखिर में जाकर बाड़ से टकरा गया, जिससे आग लग गई।
इससे पहले, 25 दिसंबर को कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान क्रैश हुआ था, जिसमें 62 यात्री और 5 क्रू मेंबर्स सवार थे। इसमें 28 लोग ही जीवित बच पाए थे।
यह एक खौफनाक हादसा था, जिसने हवाई यात्रा की सुरक्षा और दुर्घटनाओं की गंभीरता को उजागर किया है।