Total Users- 675,401

spot_img

Total Users- 675,401

Wednesday, March 26, 2025
spot_img

ताइवान ने सात चीनी विश्वविद्यालयों पर लगाया प्रतिबंध, सुरक्षा चिंताओं का दिया हवाला

ताइपे। ताइवान सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए चीन के सात प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ किसी भी प्रकार के शैक्षणिक आदान-प्रदान पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन विश्वविद्यालयों को “चीन की राष्ट्रीय रक्षा के सात पुत्र” कहा जाता है और ताइवान सरकार का मानना है कि ये संस्थान देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
ताइवान के शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ये विश्वविद्यालय पहले चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अधीन थे और बाद में इन्हें चीन के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को हस्तांतरित कर दिया गया। सरकार को आशंका है कि इन विश्वविद्यालयों के माध्यम से ताइवान की संवेदनशील तकनीकी जानकारी को चोरी किया जा सकता है। ताइवान के शिक्षा मंत्री चेंग यिंग-याओ ने कहा, “हमारे विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण तकनीकों की सुरक्षा करनी होगी, इसलिए इन सात चीनी विश्वविद्यालयों के साथ किसी भी शैक्षणिक सहयोग पर रोक लगाई गई है।”

चीन की सैन्य परियोजनाओं से जुड़ा संबंध
इन प्रतिबंधित विश्वविद्यालयों पर आरोप है कि वे चीनी सेना के लिए हथियार, उपकरण, विमानन, दूरसंचार, रसायन और भौतिक विज्ञान के विकास में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इनकी गतिविधियां चीनी सेना और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के “संयुक्त मोर्चा” प्रयासों के तहत आती हैं, जिससे ताइवान की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

संभावित जासूसी का संदेह
एक ताइवानी शोधकर्ता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उन्होंने इन विश्वविद्यालयों के कई प्रोफेसरों से बातचीत की थी और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक प्रोफेसर ने उनसे संपर्क किया था, जिससे अवैध गतिविधियों का संकेत मिला। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए ताइवान सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया।

राष्ट्रपति का सख्त रुख
फरवरी में एक कार्यक्रम के दौरान, ताइवान के राष्ट्रपति विलियम लाई ने कहा था कि देश में लोकतंत्र और शैक्षणिक स्वतंत्रता अमूल्य है, और विश्वविद्यालयों को चीन के साथ किसी भी प्रकार के अकादमिक आदान-प्रदान के प्रति सतर्क रहना चाहिए। इससे पहले भी ताइवान ने दो चीनी विश्वविद्यालयों पर इसी प्रकार के प्रतिबंध लगाए थे, जब यह पाया गया था कि वे चीन की “यूनाइटेड फ्रंट” रणनीति के तहत काम कर रहे थे।

शिक्षा के माध्यम से प्रभाव बढ़ाने की कोशिश
ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन 2020 से ताइवान के छात्रों को आकर्षित करने के लिए शिक्षा नीतियों का उपयोग कर रहा है। इसमें नई एकीकृत ऑनलाइन प्रवेश प्रणाली भी शामिल है, जिसके जरिए ताइवानी छात्रों को चीनी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

spot_img

More Topics

टीबी के मरीज़ को दवा नियमित लेना अनिवार्य होता है,एक भी दवा मिस करना हो सकता है जानलेवा

टीबी (ट्यूबरक्युलोसिस) एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े