अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर IRPS अधिकारी बनी लोकसभा स्पीकर की बेटी अंजलि बिरला ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मामला दायर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर छाई झूठी आरोपों से परेशानी जताई है, जिनमें उनके पिता के प्रभाव का इस्तेमाल करके दावा किया गया कि उन्होंने UPSC की परीक्षा में पहले ही प्रयास में पास हो गई थीं। अंजलि ने मानहानि केस में इस बात का जिक्र किया है कि कई सोशल मीडिया पोस्ट ने उनकी छवि को दोषी बताते हुए उनके खिलाफ गलत और झूठे आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे अपमानजनक और अवैध बताया है और कहा कि इन झूठे आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा और सम्मान पर नुकसान पहुंचा रहा है।
अंजलि बिरला ने यह भी कहा कि इस मामले में जिस प्रकार से वह परेशानी झेल रही हैं, यह समाज के लिए भी एक संदेश है कि सोशल मीडिया पर सटीक और सत्यपूर्ण जानकारी की महत्वपूर्णता को हमेशा महसूस किया जाना चाहिए। उन्होंने अदालत से अपनी संतुष्टि के लिए न्यायिक कार्रवाई की मांग की है ताकि उनकी छवि और सम्मान पुनः स्थापित हो सकें।
आपको बता दें कि इस मामले में जस्टिस नवीन चावला की पीठ ने त्वरित सुनवाई करने के लिए सहमति जताई है। अंजलि बिरला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने इस मामले को तत्काल सुनवाई की सूची में शामिल करने और त्वरित न्यायिक कार्रवाई की मांग की है। अंजलि बिरला की ओर से यह दावा किया गया है कि कई लोग उनकी पेशेवर प्रतिष्ठा को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, बिना किसी सबूत के सच्चाई को जाने। उन्होंने इसे अपमानजनक और आपत्तिजनक बताया है और कहा कि इसके पीछे उन्हें निशाना बनाने की नीति है, जो वर्तमान सरकार के खिलाफ विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है।
इस मामले में यह भी कहा गया है कि केस के प्रतिवादियों का उद्देश्य है अंजलि बिरला और उनके परिवार के सदस्यों की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाना, खासकर उनके पिता ओम बिरला (जो की 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष हैं) की। अंजलि बिरला ने हाल ही में महाराष्ट्र साइबर सेल के पास एक प्रतिनिधि के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने विभिन्न ट्विटर यूजर्स के खिलाफ दोषी या अवैध आरोप लगाने का आरोप लगाया है