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Friday, January 17, 2025

पैरासिटामोल के दीर्घकालिक और अनियंत्रित उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों पर अध्ययन

नॉटिंघम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन पैरासिटामोल के दीर्घकालिक और अनियंत्रित उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों पर गंभीर सवाल उठाता है, विशेषकर 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए। अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:

मुख्य निष्कर्ष

  1. आंत और पाचन तंत्र पर प्रभाव:
    • पेप्टिक अल्सर रक्तस्राव का जोखिम: 24% तक बढ़ सकता है।
    • आंत संबंधी रक्तस्राव का जोखिम: 36% तक बढ़ने की संभावना।
  2. गुर्दे पर असर:
    • गुर्दे की गंभीर बीमारियों का खतरा 19% तक बढ़ सकता है।
  3. हृदय पर असर:
    • दिल के दौरे का खतरा 9% तक बढ़ता है।
    • उच्च रक्तचाप का खतरा 7% तक बढ़ सकता है।
  4. अस्थियों से जुड़ी समस्याएं (आर्थराइटिस):
    • अक्सर पैरासिटामोल को आर्थराइटिस जैसी अस्थि संबंधी बीमारियों के लिए पहली पंक्ति की दवा के रूप में सुझाया जाता है। हालांकि, इसके दीर्घकालिक उपयोग पर सवाल उठे हैं।

विश्लेषण और अध्ययन प्रक्रिया:

  • इस अध्ययन के लिए 1,80,483 लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का गहन विश्लेषण किया गया।
  • तुलना के लिए 4,02,478 लोगों का डेटा लिया गया, जिन्हें बार-बार पैरासिटामोल नहीं दी गई थी।

विशेषज्ञ की राय:

शोधकर्ताओं के प्रमुख वेया झांग ने यह स्पष्ट किया कि पैरासिटामोल को “सुरक्षित” माने जाने के बावजूद वृद्ध लोगों में इससे गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह अध्ययन “आर्थराइटिस केयर एंड रिसर्च” पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और वृद्ध लोगों के लिए इसके प्रयोग पर अधिक सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाता है।

क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

  1. डॉक्टर से परामर्श:
    • विशेषकर वृद्ध लोगों में पैरासिटामोल के नियमित उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
  2. दवा की मात्रा:
    • निर्धारित मात्रा से अधिक पैरासिटामोल का सेवन बिल्कुल न करें।
  3. दुष्प्रभावों पर ध्यान दें:
    • यदि पेट दर्द, रक्तस्राव, थकान, गुर्दे में परेशानी या रक्तचाप में वृद्धि जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
  4. वैकल्पिक उपचार:
    • हल्के दर्द या बुखार के लिए प्राकृतिक तरीकों और घरेलू उपचारों पर भी विचार करें।

निष्कर्ष:

यह अध्ययन पैरासिटामोल के “सुरक्षित” होने के सामान्य धारणा पर प्रश्न खड़ा करता है। विशेषकर वृद्ध लोगों में, इसका अनियंत्रित उपयोग आंत, गुर्दे और हृदय के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से ही पैरासिटामोल का सेवन करें और लक्षणों पर विशेष ध्यान दें।

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