
पिछले दो साल से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संबंध में आगाह किया जा रहा है कि उनसे मानवीय अस्तित्व पर खतरा है। लेकिन शुक्रवार को अलग किस्म का संकट सामने आया। कंप्यूटर सिस्टम हैंग होने से बहुत सारे काम ठप्प पड़ गए । दुनियाभर में एयर ट्रैवल पर सबसे अधिक असर पड़ा। यह स्थिति आतंकवादियों या AI या हैकरों के कारण पैदा नहीं हुई थी। टेक्सास की कंपनी क्राउडस्ट्राइक (CrowdStrike) के एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड में गड़बड़ी से अराजकता की स्थिति बन गई। इस घटना ने अमेरिका की कमजोरी को भी सामने रखा है।
कंप्यूटर सिस्टम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी ने चुनाव वर्ष में रूस और चीन को दखल देने का रास्ता दिखाया है। अमेरिका में शनिवार को भी कई हवाई उड़ानें प्रभावित रहीं। एयरलाइंस ने 1600 फ्लाइट रद्द कर दीं। शुक्रवार को अमेरिका के अंदर और बाहर जाने वाली 3400 उड़ानें रद्द की गई थीं। कंप्यूटर प्रोग्रामर्स का कहना है, क्राउडस्ट्राइक ने तरीके से काम नहीं किया है। अपग्रेड भेजने से पहले उसे कई किस्म की विंडोज मशीनों पर इस्तेमाल किया जाना था। साइबर सिक्योरिटी संगठन क्रिप्टोहार्लेम फाउंडर मैट मिशेल कहते हैं, अगर कुछ पुराने कंप्यूटरों पर टेस्टिंग की जाती तो ‘ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ’ को पहले देखा जा सकता था।
