खार्तूम: सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) द्वारा खार्तूम ऑयल रिफाइनरी पर नियंत्रण हासिल करने के तीन दिन बाद भी रिफाइनरी आग और धुएं से घिरी हुई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एसएएफ ने रिफाइनरी पर कब्जा तो कर लिया है, लेकिन कच्चे तेल के भंडारण टैंकों में लगी आग को अभी तक पूरी तरह बुझाया नहीं जा सका है।
रिफाइनरी के कार्यवाहक निदेशक हुशाम मोहम्मद बाबिकिर ने बताया कि एसएएफ के नियंत्रण प्राप्त करने से पहले रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) ने कच्चे तेल के स्टोरेज टैंकों में आग लगा दी थी। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, “आग अभी भी परिसर में फैल रही है, जिसके कारण कुछ टैंकों में विस्फोट हो गया है और कच्चे तेल का रिसाव शुरू हो गया।” उन्होंने आगे कहा, “हम जल्द से जल्द हुए नुकसान की मरम्मत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।”
आगे पढ़ेतकनीकी निदेशक की प्रतिक्रिया और मरम्मत की उम्मीदें
रिफाइनरी के तकनीकी निदेशक हसन हुसैन हसन ने आग को नियंत्रित करने और नुकसान को सीमित करने को लेकर आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आग केवल कच्चे तेल के स्टोरेज टैंकों तक ही सीमित है और इसका उत्पादन इकाइयों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।” हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि रिफाइनरी की कुछ इकाइयों तक अभी तक पहुंच नहीं बनाई जा सकी है।
हसन ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि पहले आग पर काबू पा लेंगे, और इसके बाद अन्य इकाइयों को हुए नुकसान का आकलन करेंगे।”
झड़पों का प्रभाव और मौजूदा स्थिति
रिफाइनरी और उसके आसपास के इलाकों में एसएएफ ने तलाशी अभियान जारी रखा है। यह विशाल परिसर सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच लंबे समय तक संघर्ष का स्थल बना रहा, जिन्होंने लगभग 21 महीने तक रिफाइनरी और आस-पास के क्षेत्रों पर कब्जा बनाए रखा था।
सशस्त्र झड़पों के कारण इस रणनीतिक क्षेत्र में भारी क्षति हुई है। एसएएफ के नियंत्रण के बावजूद आग और विस्फोट जैसी समस्याएं अभी भी चुनौती बनी हुई हैं। सेना ने रिफाइनरी और आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
आर्थिक और सामरिक महत्व
यह रिफाइनरी न केवल सूडान की ऊर्जा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था का भी एक अहम स्तंभ है। रिफाइनरी में होने वाला उत्पादन न केवल घरेलू खपत को पूरा करता है, बल्कि इसका जुड़ाव निर्यात पाइपलाइन से भी है। ऐसे में रिफाइनरी की मरम्मत और संचालन को जल्द से जल्द बहाल करना सूडान सरकार के लिए प्राथमिकता बन गया है।
सूडानी सशस्त्र बलों और प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आग बुझाने और रिफाइनरी को पुनः कार्यशील बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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