रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान 4 से 7 मार्च 2025 तक ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यह दौरा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
उच्चस्तरीय रक्षा वार्ता और रणनीतिक साझेदारी पर जोर
अपनी यात्रा के दौरान, सीडीएस जनरल चौहान ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और सैन्य नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। उनकी वार्ताओं में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल प्रमुख जनरल एडमिरल डेविड जॉनसन, रक्षा सचिव ग्रेग मोरियार्टी और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल होंगे।
सीडीएस ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल की परिचालन कमान संरचना की जानकारी लेंगे और संयुक्त अभियानों के अवसरों पर चर्चा करेंगे। इसके लिए वे फोर्स कमांड मुख्यालय, ऑस्ट्रेलियाई फ्लीट कमांडर और संयुक्त अभियान कमांडर से भी मुलाकात करेंगे।
सैन्य प्रशिक्षण और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग
भारत की पेशेवर सैन्य शिक्षा और प्रशिक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, जनरल चौहान प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलियाई रक्षा कॉलेज का दौरा करेंगे। वहां वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक चुनौतियों पर वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करेंगे।
इसके अलावा, वे ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट में एक गोलमेज चर्चा की अध्यक्षता भी करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई दिशा मिलने की संभावना है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार और रणनीतिक संबंधों को मिलेगा बढ़ावा
इस यात्रा से ठीक पहले, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक नया रोडमैप जारी किया है। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापार और निवेश त्वरक कोष (TIAF) में 16 मिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने कहा, “भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है। यह रोडमैप हमारे व्यापारिक संबंधों को और विविधता प्रदान करेगा और ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था, व्यवसायों और रोजगार को लाभ पहुंचाएगा।”
इसके अलावा, मैत्री अनुदान कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त 4 मिलियन अमरीकी डालर आवंटित किए जाएंगे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
मुक्त व्यापार समझौते से होंगे आर्थिक लाभ
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा मुक्त व्यापार समझौते ने पहले ही दोनों देशों के व्यवसायों को बड़े वित्तीय लाभ दिए हैं। इससे ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को सैकड़ों मिलियन डॉलर की बचत हुई है, और वर्ष के अंत तक निर्यातकों की टैरिफ लागत में 2 बिलियन अमरीकी डालर की कमी आने का अनुमान है।
इसके अतिरिक्त, एक नए मुक्त व्यापार समझौते पर भी बातचीत चल रही है, जो भारत के विशाल और गतिशील बाजार में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के लिए नए अवसर खोलेगा।
निष्कर्ष
सीडीएस जनरल अनिल चौहान की यह यात्रा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी। साथ ही, व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में भी नई गति लाएगी। यह दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में सहायक होगी।