7 अक्टूबर के बाद इजरायल में एक बार फिर एक बड़ा हमला हुआ है। शनिवार को इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स क्षेत्र के एक गांव में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। 7 अक्टूबर से, इजरायल ने इस हमले को अपने खिलाफ सबसे घातक हमला बताया है।
इजरायल टाइम्स के मुताबिक, ड्रूज शहर के एक फुटबॉल मैदान में यह हमला हुआ है. IDF ने शनिवार देर रात कहा कि सभी 12 मरने वालों की उम्र 10-20 वर्ष थी.
Medical Centers ने क्या कहा?
इजरायल टाइम्स ने बताया कि चार लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था, तिबेरियास के निकट बारूक पाडेह मेडिकल सेंटर से। Zeev Medical Center ने बताया कि उसने 32 घायलों को भर्ती किया है, जिनमें से छह ट्रॉमा वार्ड में हैं, 13 गंभीर हैं और 10 हल्की चोटें हैं। चार अन्य घायलों को हाइफा के रामबाम मेडिकल सेंटर भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सकों ने घटनास्थल पर ही 10 पीड़ितों को मृत बताया, जबकि दो अस्पतालों में मर गए।
इस हमले के बाद निवासियों ने मैदान पर खूनी नरसंहार के दृश्यों के बारे में बताया कि चेतावनी सायरन बज चुका था, लेकिन पीड़ितों के लिए बहुत कम समय का अलर्ट था, जो समय पर भाग ही नहीं पाए और मारे गए.
नेतन्याहू को जैसे मिली खबर, अमेरिका से तुरंत वापस
इस चौंकाने वाले हमले के बाद इजरायल के अधिकारियों ने जवाबी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जो अमेरिका में थे, तुरंत वापस हो रहे हैं, इससे इजरायल और लेबनानी आतंकवादी समूह के बीच एक जंग और तेज होने की संभावना बताई गई है.
हिजबुल्लाह नहीं ले रहा हमले की जिम्मेदारी
देश की आपातकालीन चिकित्सा सेवा मैगन डेविड एडोम के एक वरिष्ठ डॉक्टर इदान अवशालोम ने कहा, “हम मैदान पर पहुंचे और जलती हुई चीजें देखीं. हताहत लोग जमीन पर पड़े थे, और दृश्य काफी भयावह था.” इजरायली मीडिया ने कहा कि रॉकेट लेबनान से हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह द्वारा दागा गया, जबकि हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम को हुए हमले में शामिल होने से इनकार किया और कहा कि शिया समूह का “इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है.”
नेतन्याहू ने खाई कसम
भयानक हमले के बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि नेतन्याहू ने इजरायल के ड्रूज़ समुदाय के आध्यात्मिक नेता शेख मुआफ़क तारिफ से बातचीत की और वादा किया कि देश चुप नहीं बैठेगा। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि इजरायल इस जानलेवा हमले को यूं ही नहीं जाने देगा और हिजबुल्लाह को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, जो उसने अब तक नहीं चुकाई है।
भारी कीमत चुकानी होगी
नेतन्याहू इन दिनों अमेरिका में थे, लेकिन उन्होंने जैसे ही अपने देश में हमले की बात सुनी, तुरंतअपनी यात्रा को कई घंटों के लिए छोटा कर दिया. नेतन्याहू रविवार दोपहर तक इजरायल वापस आ जाएंगे. नेतन्याहू ने एक वीडियो में कहा “मारे गए लोगों में छोटे बच्चे भी थे जो फुटबॉल खेल रहे थे,” उन्होंने कहा, “और अन्य लोगों की भी हत्या कर दी गई. इन दृश्यों से हमारा दिल टूट गया है.” इजरायल “इसे चुपचाप नहीं जाने देगा” और पूरा देश ड्रूज़ समुदाय के साथ “उसके कठिन समय में, जो हमारा भी कठिन समय है” खड़ा है.
अब इजरायल की बारी?
हमले के तुरंत बाद इजरायल रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को शीर्ष सैन्य और सुरक्षा अधिकारियों ने “हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई के लिए” इजरायल के विकल्पों के बारे में जानकारी दी है. बैठक में आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी, शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार और मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए हैं. इजरायल रक्षा मंत्री ने ड्रूज़ आध्यात्मिक नेता के साथ अपनी बातचीत की और कहा कि इज़राइल दुश्मन पर कठोर प्रहार करेगा. नेतन्याहू की तरह सुरक्षा अधिकारियों ने ईरान निर्मित रॉकेट से किए गए घातक हमले के बाद हिज़्बुल्लाह पर नरमी नहीं बरतने की कसम खाई है, और संकेत दिया है कि इज़राइल-लेबनान सीमा पर 10 महीने से चल रहे घातक टकराव को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. अब पूरी दुनिया की नजर इजरायल के जवाब पर है.