न देशों को चिन्हित किया गया है जो मानवीय संकटों के जोखिम में हैं। 2025 की वॉचलिस्ट में निम्नलिखित देशों का उल्लेख है, जो संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित हैं:
सूडान: गृहयुद्ध के कारण गंभीर मानवीय संकट। सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच संघर्ष ने यौन हिंसा, बाल सैनिकों की भर्ती, और नागरिकों पर हमलों के चलते विस्थापन और संकट को बढ़ा दिया है।
म्यांमार: 2021 में सैन्य शासन के बाद हिंसा और अस्थिरता बढ़ी है। विद्रोही समूहों और सरकार के बीच संघर्ष के कारण लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। चक्रवात और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं स्थिति को और खराब कर रही हैं।
सीरिया: 14 वर्षों से चल रहे संघर्ष ने 13.8 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित किया है। गरीबी और संघर्ष के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है।
दक्षिण सूडान: संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता, और बाढ़ जैसी समस्याओं के कारण लाखों लोगों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य उत्पादन में गिरावट और आर्थिक संकट ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है।
लेबनान: हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच संघर्ष के कारण 1.4 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। युद्धविराम लागू है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।
सोमालिया: अल-शबाब के आतंकवादी हमलों और जलवायु संकट ने सोमालिया की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सूखे, भूख और कुपोषण के मामलों में वृद्धि हो रही है।
यमन: 2015 से जारी गृहयुद्ध, अकाल और बीमारी ने यमन को गंभीर संकट में डाल दिया है। बुनियादी ढांचे के ढहने के कारण जीवन बहुत कठिन हो गया है।
यूक्रेन: रूस के साथ युद्ध के कारण यूक्रेन में भारी नुकसान हुआ है। लाखों सैनिकों की मौत के साथ, 2025 में यात्रा करना जोखिम से भरा है।
इजरायल और हमास के बीच जंग: 2023 में हमास द्वारा इजरायल पर हमला किए जाने के बाद से युद्ध जारी है। यह संघर्ष मध्य पूर्व का सबसे गंभीर संकट बन गया है, जिसमें हजारों लोगों की जान गई है और भारी तबाही हुई है।
इन देशों में मानवीय संकटों को सुधारने के लिए वैश्विक सहयोग और सहायता की आवश्यकता है। इन संकटों के कारण लाखों लोग गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और राहत कार्यों को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।
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