पटौदी रियासत का इतिहास बहुत दिलचस्प है। यह रियासत 1804 में स्थापित हुई थी जब फैज तलब खान को अंग्रेजों द्वारा तोहफे में दी गई थी। पटौदी रियासत की नींव मराठा-अंग्रेज युद्ध के बाद रखी गई थी। फैज तलब खान ने अंग्रेजों की मदद की थी, जिससे उन्हें यह पुरस्कार मिला। इसके बाद उनके वंशजों ने 1949 तक इस रियासत पर शासन किया। इसके बाद, जब भारत ने आज़ादी प्राप्त की, तो पटौदी रियासत का विलय पंजाब में कर दिया गया।
आगे पढ़ेसैफ अली खान के पिता, मंसूर अली खान पटौदी, पटौदी रियासत के आखिरी नवाब थे, जिनके बाद भारत सरकार ने 1971 में संविधान में संशोधन किया, जिससे नवाबों और राजाओं के प्रिवी पर्स खत्म कर दिए गए थे। सैफ अली के दादा इफ्तिखार अली खान भी एक क्रिकेटर थे और अंग्रेजों के शासनकाल में इंग्लैंड के लिए खेले थे। इसके बाद उन्होंने भारत के लिए भी क्रिकेट खेला।
इस परिवार का इतिहास न केवल शाही महत्व को दर्शाता है, बल्कि इसके क्रिकेट के योगदान को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मंसूर अली खान पटौदी ने भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की और 21 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के कप्तान होने का रिकॉर्ड बनाया था।
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