वसंत पंचमी: ज्ञान और उल्लास का पर्व
न ज्यादा ठंड, न तेज गर्मी… यही सुहावना एहसास वसंत को ऋतुओं का राजा बनाता है। जीवन में खुशियों का रंग भरने वाला वसंत पंचमी का पर्व इस साल 2 फरवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। इस खास मौके पर लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और वसंतोत्सव का आनंद लेते हैं।
मां सरस्वती की पूजा
माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। घरों में वसंती भात (खास पकवान) का भोग लगाया जाता है और देवी को पीले फूल अर्पित किए जाते हैं।
वसंत पंचमी और पतंग उत्सव
यह पर्व भारत ही नहीं, नेपाल, इंडोनेशिया और पाकिस्तान में भी मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे पतंग उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
शुभ योग और मुहूर्त
- इस वसंत पंचमी पर शिव और सिद्ध योग बन रहा है, जो पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
- शुभ मुहूर्त: सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 बजे तक।
वसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व
पीला रंग बृहस्पति ग्रह से जुड़ा होता है और इसे शुभ माना जाता है। वैज्ञानिक रूप से यह रंग मन को प्रसन्न करता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।
इस वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करें और जीवन में ज्ञान, आनंद और उल्लास का स्वागत करें!