fbpx

Total Users- 600,122

Total Users- 600,122

Friday, December 27, 2024

जगन्नाथ भगवान के रथ में क्यों होते हैं सिर्फ 16 पहिये?

इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई, दिन रविवार से हो रही है। ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में जो भी व्यक्ति शामिल होता है और पूर्ण श्रद्धा से भगवान जगन्नाथ का स्मरण करता है उस पर भगवान जगन्नाथ की असीम कृपा होती है।  

जगन्नाथ रथ यात्रा का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। हर साल ओडिशा के शहर पुरी में बड़े ही उत्साह के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। यह उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई, दिन रविवार से हो रही है। ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में जो भी व्यक्ति शामिल होता है और पूर्ण श्रद्धा से भगवान जगन्नाथ का स्मरण करता है उस पर भगवान जगन्नाथ की असीम कृपा होती है।उस व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए तीन रथ बनाए जाते हैं। एक पर भगवान जगन्नाथ, दूसरे पर बड़े भाई बलराम और तीसरे पर बहन सुभद्रा विराजमान होती हैं। वहीँ, जगन्नाथ भगवान के रथ की बात करे तो उसमें 16 पहिये होते हैं।

ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस संख्या के पीछे का रहस्य।जगन्नाथ भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप माने जाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि जगन्नाथ भगवान के रथ का पहिया  सुदर्शन चक्र का प्रतीक माना जाता है। जहां एक ओर रथ में 16 पहिये होते हैं, वहीं रथ के हर एक पहिये में 16 तीलियां लगी होती हैं। प्रतीक मानी जाती हैं। यह 16 दिव्य शक्तियां भगवान श्री कृष्ण की आराध्य शक्ति श्री राधा रानी से ही उत्पन्न हुई हैं। श्री कृष्ण के अलावा, श्री राधा ही सुदर्शन धारण कर सकती हैं।प्रतीक मानी जाती हैं। यह 16 दिव्य शक्तियां भगवान श्री कृष्ण की आराध्य शक्ति श्री राधा रानी से ही उत्पन्न हुई हैं। श्री कृष्ण के अलावा, श्री राधा ही सुदर्शन धारण कर सकती हैं। जब भगवान श्री कृष्ण एक बार सुभद्रा के कहने पर उन्हें भ्रमण पर लेकर निकले थे तब उस समय भ्रमण के दौरान रथ का पहिया टूट गया था। तब सुदर्शन चक्र ने पहिये का आकार लेकर स्वयं को सोलह पहियों में बांट लिया था और भगवान जगन्नाथ की यात्रा संपन्न कराई थी। आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर जगन्नाथ यात्रा के लिए जिस रथ का प्रयोग किया जाता है उस रथ में सोलह 16 पहिये ही क्यों होते हैं और क्या है उसका महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

More Topics

“समझें सामंतवाद का उत्थान और इसके ऐतिहासिक प्रभाव”

सामंतवाद का उदय भारत में 6वीं से 8वीं शताब्दी...

“जानें हिजरी संवत के ऐतिहासिक महत्व और इसके शुरू होने की तारीख”

हिजरी संवत (हिजरी कैलेंडर) इस्लामिक कैलेंडर है, जो पैगंबर...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े